बलौदाबाजार। सरकार की मंशा है कि गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पतालों में ही हो, जिसके अनुसार प्रसव पीड़ित महिलाओं का प्रसव अस्पताल में कराया भी जा रहा है। सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधाएं भी दी जा रही है। लेकिन इन सुविधाओं का लाभ शहर या शहर के आसपास के गांवों को ही मिल रहा है जो मुख्य सड़क से जुड़े हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों के अभाव में लोगों को सरकारी एम्बुलेंस की सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। कसडोल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कोरदा लवन से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां सड़क के अभाव के चलते एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों और मोहल्ले के लोगों को लगभग आधा किलोमीटर कुर्सी पर बैठकर लाना पड़ा. जिसके बाद उसे एम्बुलेंस की सहायता मिली और उसे लवन लाया गया, जहां महिला ने बच्चे को जन्म दिया।

प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला तक एंबुलेंस इसलिए नहीं पहुंच सकी क्योंकि उसके घर तक जाने वाली सड़क की हालत बदतर है और दो से तीन फीट पानी भरा हुआ है. जिसके बाद लोगों ने महिला और बच्चे की जान बचाने के लिए उसे कुर्सी में बैठकर एम्बुलेंस तक लाए. फिलहाल बच्चा जच्चा दोनों सुरक्षित हैं. क्षेत्र में विकास के दावे पिटने वाले जनप्रतिनिधियों की इस घटना ने पोल खोल दी है.

बता दें कि कसडोल विधानसभा क्षेत्र पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रहे गौरीशंकर अग्रवाल का था जो वर्तमान में कांग्रेस की संसदीय सचिव शकुन्तला साहू का क्षेत्र है, जिसकी स्थिति आज काफी बदतर है. ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग जनप्रतिनिधियों से लेकर कलेक्टर तक आवेदन दे चुके हैं. तकलीफों से अवगत करा रहे हैं पर हमारी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. हमारी समस्या जस की तस है।

गौरतलब है कि विकास के दावे दोनों ही दल करते हैं, पर क्या विकास दिखाई दे रहा है. जहां ग्रामीण आज भी परेशान है और उन्हें सड़क नहीं मिल पाया है. कहीं न कहीं जिले में विकास के दावे को ये घटना खोखला साबित कर रही है।

इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी के संतोष यदु ने दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दोनों ही दल बातें बड़ी-बड़ी करते हैं, करते कुछ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सत्ता में आयेगी तो सबसे पहले ग्रामीणों की मुलभुत समस्याओं का निराकरण करने का काम करेगी।