गरियाबंद। अतिक्रमणकारियों द्वारा सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। जो प्रदेश के चहुमुखी विकास में सबसे बड़ी बाधक के रुप में सामने आ रही है। अवैध कब्जाधारी सड़क, नदी नालों के आसपास के जमीन के साथ ही वनों पर भी अवैध कब्जा कर लिया हैं। वनों की जमीन पर अवैध कब्जा होने की वजह से वन्यप्राणियों पर संकट गहराता जा रहा है जहां वन्यप्राणियों का अवैध शिकार के मामले भी काफी बढ़ गए हैं। प्रदेश में अब भाजपा की सरकार बन गई है।

प्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों में विकास करना चाहती है जिसके लिए सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त करना भी आवश्यक हो गया है। इसी के चलते प्रदेश सरकार के निर्देश सभी सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा रहा है। प्रशासन द्वारा नोटिस जारी की जा रही है इसके बावजूद सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा नहीं हटाए जाने पर प्रशासन की ओर से बुलडोजर कार्रवाई के तहत अवैध कब्जों को ढहाया जा रहा है। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के लगभग सभी जिलों में प्रशासन के निर्देश पर अवैध कब्जों को ढहाया जा रहा है।

इसी तरह उदंती सीतानदी अभ्यारण में अतिक्रमणकारियों पर एक और बड़ी बेदखली की कार्रवाई की तैयारी हो गई है। उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि अभ्यारण्य के बफर जोन में आने वाले तौरेंगा रेंज के टांगरान जंगल में 29 अतिक्रमणकारियों को बेदखली करने की कार्रवाई 3 जनवरी को किया जाना है। इसमें 25 ओडिशा नवरंगपुर जिले के रहवासी हैं. इनके खिलाफ जून में ही नोटिस जारी किया गया था. आरोपी कार्रवाई को अवैध बताते हुए न्यायालय के शरण तक भी गए. न्यायालय के निर्देश के बाद विभाग के आला अफसरों ने सुनवाई किया. 4 महीने की सुनवाई के बाद अभ्यारण्य प्रशासन ने कार्रवाई को जायज बताया गया. 13 दिसंबर को विभाग के उप सचिव द्वारा कार्रवाई को यथावत रखने के निर्देश दिए गए हैं. अभ्यारण प्रशासन की कार्रवाई को आरोपियों ने चुनौती देने अपने कब्जा को वैध बताया था.