अयोध्या। आगामी 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है। इससे लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है। इसी बीच खबर मिली है की प्रभु श्रीराम की लगन इस कदर लगी कि दो माह में 2000 किमी से अधिक दूरी साइकिल से तय करके रामनगरी पहुंच गए। मन में आस्था की हिलोरें संग गुजरात के युवा सहदेव यश पटेल साइकिल से अयोध्या पहुंचे। साइकिल पर भगवा ध्वज धारण किए सहदेव की हर पैडिल पर मुख से जय श्रीराम का उद्घोष निकलता रहा और आस्था के पथ पर उनके पांव कहीं नहीं डिगे। उनका मामना है कि 500 वर्ष के बाद ऐसा रामयुग आया है जिसका साक्षी बनने के लिए बिना न्यौते के रामनगरी पहुंच गया।

सहदेव ने विश्राम के लिए मंदिरों को बनाया ठिकाना

गुजरात के सहदेव के मन में राम दर्शन की धुन सवार हुई और 14 नवम्बर को साइकिल से बिना पैसे के घर से निकल पड़े। सहदेव हरिद्वार स्नान के बाद उज्जैन, मथुरा, भोलेश्वरनाथ होकर रामनगरी पहुंचे। इन्होंने विश्राम के लिए मंदिरों को ही ठिकाना बनाया और रात्रि विश्राम के बाद पुन साइकिल से अगले पड़ाव के लिए निकल पड़ते थे। सहदेव की मानें तो इन्हें बिना पैसे के बाद भी राह में कोई बाधा नहीं आई। उन्होंने बताया कि ऐसे युग की उम्मीद नहीं थी कि जीवन में राम मंदिर देखने को मिलेगा, भगवान राम ने सपने को जीते जी पूरा कर दिया।

भगवान राम के दर्शन के लिए निकल पड़े कई रामभक्त

प्रभुराम के दर्शन के बाद पुन गुजरात के लिए वापसी होगी। इसी तरह अयोध्या हाईवे पर ही हाथ में तिरंगा और भगवा ध्वज साथ लिए अमरोहा जिले के काकाखेड़ निवासी उबरपाल सिंह राजपूत पैदल चले आए। उनका कहना है कि रामलला के दर्शन के बाद वापस चले जाएंगे। अन्य कई शहरों से भी लोग भगवान राम के दर्शन के लिए निकल पड़े हैं। कर्नाटक से भी एक शख्स पैदल राम मंदिर पहुंचने के लिए निकला है। कर्नाटक के रहने वाले 50 वर्षीय मुर्तना महात्मा गांधी के गेटअप में कर्नाटक से अयोध्या के लिए निकले हैं।