अपने-अपने दावे
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पांच सीटों में कांग्रेस का मजबूत दावा

रायपुर। प्रदेश में तीसरे चरण के मतदान समाप्ति के बाद राजनीतिक गुणा-भाग का दौर चल रहा है। हार-जीत के दावे के साथ समीक्षा को तो अभी कयास ही माना जा रहा है, लेकिन 4 जून को सारे संशय के बादल छट जाएंगे। पूरे देश में मोदी की गारंटी और राहुल गांधी की न्याय को लेकर चुनाव लड़ा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव खत्म हो गया है। सभी 11 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों का भविष्य भी ईवीएम में कैद हो गया है और अब भाजपा के साथ कांग्रेस दोनों के रणनीतिकारों ने लोकसभा सीटों की समीक्षा शुरू कर दी है । बाकायदा प्रत्याशी से लेकर जिम्मेदार इसकी समीक्षा में लग गए हैं।

छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों में चुनाव संपन्न होने के बाद अब आंतरिक रूप से सर्वे और जिम्मेदारों के साथ बैठक लेकर समीक्षा का दौर शुरू हो चला है । भाजपा शुरू से ही 11 सीटों पर जीत का दावा कर रही है, तो वहीं कमजोर सीटों पर जमकर फोकस भी करती नजर आई है । भाजपा ने चार सीटों को कमजोर माना था जिसमे कोरबा, जांजगीर-चाँपा, कांकेर और राजनांदगांव लोकसभा सीट थी।

जिस पर पहले दिन से ही मतदान होते तक पूरी ताकत झोंकी थी, लेकिन यह कहा जा रहा है कि समीक्षा के दौरान भाजपा कांकेर लोकसभा सीट को अभी भी कमजोर मान रही है । डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कि हर चुनाव के बाद समीक्षा की जाती है। हमने हर स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं से चर्चा की है। उसके बाद हम दावा कर रहे हैं कि हम 11 की 11 सीटें जीतेंगे ।

कांग्रेसी भी फीडबैक लेने में जुटे

कांग्रेस दावा कर रही है कि वह 11 में से 5 सीटें आसानी से जीत रहे हैं, जिसमे कांकेर, राजनंदगांव ,कोरबा, जांजगीर चांपा और बस्तर है। जांजगीर-चांपा के कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी शिवकुमार डहरिया ने छत्तीसगढ़ मे मतदान के बाद आंतरिक आकलन को लेकर कहा कि लोगों का रिस्पॉन्स के आधार पर मूल्यांकन किया है ।

भाजपा जहां संगठनात्मक स्तर पर समीक्षा कर रही है, तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस भी फीडबैक लेने में जुट गया है। इतना ही नहीं विधायक, पूर्व विधायक और निचले स्तर के पदाधिकारियों से चर्चा कर ब्यौरा मांगा गया।

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