रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों और व्याख्याताओं के एक ग्रुप ने एक बहुत ही सस्ती इलेक्ट्रिक स्कूटर तैयार की है जो सिर्फ एक घंटे की चार्जिंग के बाद 48 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकती है।

इस पर्यावरण अनुकूल स्कूटर की भार क्षमता 80 किलोग्राम है तथा इसकी अधिकतम गति 30 किमी/घंटा है।
मैकेनिकल विभाग के सहायक प्राध्यापक गौरव ताम्रकार के मार्गदर्शन में आठवें सेमेस्टर के छात्र आकाश कुमार शर्मा, अभिजीत नामदेव, सचिन कुमार सिंह, मोहम्मद साहिल शेख, साहिल सिंह राजपूत व अन्य की टीम ने एक पुराने पेट्रोल चालित स्कूटर को इलेक्ट्रिक स्कूटर में परिवर्तित किया।

गौरव ताम्रकार ने बताया कि उनकी टीम ने “गाइको” ई-स्कूटर बनाने में मात्र 18,000 रुपये खर्च किए हैं। इसमें 1000 वाट का मोटर हब और मोटर कंट्रोलर, 12 वोल्ट की बैटरी, एक कनवर्टर, एक इलेक्ट्रिक एक्सीलेटर वायर, एक फॉरवर्ड और रिवर्स बटन है। इसमें दो व्यक्ति बैठकर 30 किमी/घंटा की गति से सफ़र सकते हैं तथा एक घंटे के चार्ज पर 48 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकते हैं।
इस स्कूटर को बनाने में बेकार सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह स्कूटर पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इसलिए इसका रखरखाव तुलनात्मक रूप से काफी आसान है। चलते समय यह स्कूटर कोई शोर नहीं करता है। आगे-पीछे चलने की क्षमता इसकी सबसे बड़ी खासियत है। इसके अलावा, बाजार में मौजूद दूसरे स्कूटरों की तुलना में इसका वजन भी कम है। जिन लोगों के पास अभी पेट्रोल से चलने वाला स्कूटर है, वे इसे अपेक्षाकृत कम कीमत पर इलेक्ट्रिक स्कूटर में बदल सकते हैं।
विश्वविद्यालय ने इस इनोवेशन की सराहना की और पूरी टीम को बधाई दी तथा छात्रों को कलिंगा विश्वविद्यालय इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन सेंटर की मदद से स्टार्टअप के लिए आवेदन करने हेतु मार्गदर्शन दिया।