रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, आरसेटी, रायपुर के माध्यम से केन्द्रीय जेल रायपुर में विचाराधीन एवं सजायाफ्ता कैदियों को कौशल विकास एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 13 दिवसीय इंस्टालेशन ऑफ सीसीटीवी कैमरा, फायर अलार्म एवं स्मोक डिटेक्टर का प्रशिक्षण दिया गया।

इस शिविर में कुल 34 कैदियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया, जिसमें सीसीटीवी इंस्टालेशन की तकनीकी तथा उद्यमिता विकास के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदाय की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन संचालक नम्रता जैन की उपस्थिति में किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर मिशन संचालक द्वारा प्रशिक्षार्थी कैदियों से प्रशिक्षण कार्यक्रम संबंधी उनके अनुभव एवं प्रशिक्षण से लाभ के संबंध में जानकारी ली गई, साथ ही जेल में बंद कैदियों को और किन-किन तरह के ट्रेड में प्रशिक्षण प्रदाय किया जा सकता है, इत्यादि विषयों पर सुझाव मांगे गए। जिस पर कुछ प्रशिक्षार्थी कैदियों द्वारा जेल परिसर में सामान्यतः ग्रामीण जनजीवन को आधार बनाकर कृषि, पशुधन से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करने और बंदी कैदियों को बाहरी दुनिया में बेहतर अवसर प्रदान किए जाने की मांग की गई।
कैदियों की क्षमता का सृजनात्मक उपयोग के लिए आगे भी जेल परिसर में विभिन्न प्रकार ट्रेड जैसे-कृषि कार्य, नर्सरी, सिलाई एवं बेकरी इत्यादि में मांग अनुरूप स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण करवाने हेतु मिशन संचालक द्वारा आश्वासन दिया गया।

उक्त प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम के दौरान अमित शांडिल्य, केन्द्रीय जेल अधीक्षक रायपुर, दीपक मिश्रा, उप आंचलिक प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा रायपुर, मनोज मिश्रा, सहायक राज्य कार्यक्रम प्रबंधक-जॉब्स्, एसआरएलएम स्टेट आरसेटी नोडल, अरूण कुमार सोनी, स्टेट कंट्रोलर ऑफ आरसेटी, अशोक कुमार सिंह, स्टेट डायरेक्टर ऑफ आरसेटी, नवीन कुमार सिंग, निदेशक आरसेटी, कौशल कुमार मिश्रा, सीनियर फेकल्टी आरसेटी रायपुर, शशांक दीवान, जेल शिक्षक, चंदन साहू प्रशिक्षक एवं दिलीप कुमार यदु, एफएलसी उपस्थित रहे।