रायपुर : “स्वामी विवेकानंद जी का रायपुर से अटूट नाता है। वे मात्र 39 वर्ष जिए और सर्वाधिक समय कलकत्ता में रहे, उसके बाद किसी अन्य स्थान पर रहने की उनकी सर्वाधिक अवधि छत्तीसगढ़ में ही रही। जब उनका मन अध्यात्म की ओर बढ़ रहा था, उस समय वे छत्तीसगढ़ की हवा, पानी, माटी और धड़कन से एकाकार हो रहे थे। इस तरह एक वैज्ञानिक क्रांतिकारी संन्यासी स्वामी विवेकानंद बहुत महत्वपूर्ण छाप छत्तीसगढ़ में छोड़ी है।” ये सारी बातें प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता कार्यक्रम ‘लोकवाणी’ में कही।

‘लोकवाणी’ का प्रसारण 09 जनवरी रविवार को किया गया। यह लोकवाणी की 25वीं कड़ी रही। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी की इस कड़ी में ‘युवा सपने और छत्तीसगढ़’ विषय पर प्रदेशवासियों को संबोधित किया।

स्वामी विवेकानंद विरक्ति नहीं क्रान्ति की बात करते थे

मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को स्मरण करते हुए कहा कि “स्वामी जी ने जो कहा था, वह विश्व धर्म और अध्यात्म के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। शिकागो में स्वामी जी ने साफ कहा था कि धर्म के नाम पर दुनिया में बहुत खून बहाया जा चुका है। साम्प्रदायिकता, हठधर्मिता, धर्मांधता ने कई बार सभ्यताओं को नष्ट किया है और दुनिया में निराशा फैलाई है। स्वामी जी ने कहा था कि अगर जात-पात, धर्म-सम्प्रदाय के नाम पर हिंसा न होती तो आज का मानव समाज बहुत उन्नत होता।

उस जमाने में भी स्वामी जी दुनिया में घूम-घूम कर कहते थे कि मैं यहां किसी एक धर्म का प्रचार करने नहीं आया बल्कि ऐसे दर्शन का प्रचार कर रहा हूं, जो दुनिया के सभी धर्मों में निहित है। उन्होंने कहा था कि मैं किसी धर्म का विरोधी नहीं हूं, हर धर्म के लोगों को तेजस्वी बनाने का प्रयास कर रहा हूं। आज जो स्वामी जी को आध्यात्मिक संत बताकर उनके योगदान को छोटा करना चाहते हैं उन्हें बताना चाहता हूं कि स्वामी जी विरक्ति की बात नहीं करते थे बल्कि क्रान्ति की बात करते थे। कुरीतियों से लड़ने और समाधान की बात करते थे।”

कॅरियर केवल सरकारी नौकरी से नहीं बनता

सीएम ने “मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना” से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि “मेरा मानना है कि आज के जमाने में युवाओं का कॅरियर केवल सरकारी नौकरी से ही नहीं बनता, बल्कि हमारे युवा साथियों ने अपनी रुचि और प्रतिभा के बल पर संभावनाओं का नया आकाश खोल दिया है। आपमें जो संभावनाएं दिखाई पड़ी हैं, उन्हें साकार करने की दिशा में हम बहुत से प्रयास कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार खेल प्रशिक्षण की समग्र अधोसंरचना का निर्माण किया गया है, जिसके अंतर्गत 9 अकादमी स्थापित की जा चुकी है। फुटबाल में बालिकाओं के लिए तथा कबड्डी, तीरंदाजी, एथलेटिक्स तथा हॉकी में बालक-बालिकाओं दोनों के लिए, इस तरह 9 अकादमियां शुरू हो चुकी हैं। टेनिस स्टेडियम और अकादमी भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जा चुकी है।”

“जहां तक ‘मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’ का सवाल है तो मैं यह बताना चाहता हूं कि हमारे राज्य के युवा खिलाड़ियों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिलने के कारण वे देश की अन्य संस्थाओं के लिए खेलते हैं। अब हम यह प्रयास कर रहे हैं कि हमारे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, उपकरण तथा अन्य खर्चों की व्यवस्था छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से हो, जिससे वे भविष्य में अपने राज्य की ओर से ही राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें। इसके लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किए जाएंगे। विभिन्न औद्योगिक संगठनों की मदद से भी खेल और खिलाड़ियों की प्रगति के अवसर जुटाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के गठन का काम शीघ्र पूरा करके, जल्दी ही इसका कामकाज शुरू कर दिया जाएगा।”

राजीव युवा मितान क्लब का होगा गठन

सीएम ने “राजीव युवा मितान क्लब” से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि “मैं आपको बताना चाहूंगा कि प्रदेश के 13 हजार 269 नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों में राजीव युवा मितान क्लब गठित करने हेतु कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। क्लब का पंजीयन, फर्म एण्ड सोसायटी एक्ट के तहत होगा। प्रत्येक क्लब में 20 से लेकर 40 तक युवा शामिल होंगे। जिनकी आयु 15 से 40 वर्ष के बीच हो। वर्षभर में इन क्लबों को 132 करोड़ 69 लाख रुपए की राशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी। इसकी पहली किस्त के रूप में 19 करोड़ 43 लाख रुपए की राशि जारी की जा चुकी है।”

“हम प्रदेश में युवाओं की शिक्षा-दीक्षा तथा रोजगार के अवसरों पर ध्यान देने के साथ ही एक संस्कारवान युवा पीढ़ी तैयार करने की पहल कर रहे हैं। मेरा मानना है कि पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में सक्रिय होने के साथ ही युवा अवस्था में अपने परिवेश, अपने आसपास के लोगों की जिंदगी को करीब से देखने समझने और बेहतरी के लिए स्वस्फूर्त कदम उठाने की भावना बहुत जरूरी है। अपना नाम तथा अपनी कमाई का सपना तो एक दिन पूरा हो जाता है, लेकिन लोगों के दुख-दर्द में शामिल होने, अपनी संस्कृति तथा कमजोर तबकों की भलाई के लिए योगदान करने की भावना एक बीज की तरह युवाओं में डाली जानी चाहिए। हम छत्तीसगढ़ में ऐसी ही संस्कारवान युवा पीढ़ी का विकास करना चाहते हैं।”

4 लाख अधिक लोगों मिला कार्यालयों में कार्य करने का अवसर

प्रदेश के युवा फगवा राम को सवाल “सरकारी नौकरी के अलावा लोगन मन ल रोजगार दे के आपके काय योजना हे?” के जवाब में सीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि पिछले तीन वर्षों में सरकारी, अर्द्धसरकारी कार्यालयों में सीधी भर्ती के अलावा अन्य माध्यमों से भी भर्ती की गई है, जिसके कारण 4 लाख 65 हजार से अधिक लोगों को सरकारी और अर्द्धसरकारी कार्यालयों में कार्य करने का अवसर मिला है, इसके अलावा 30 हजार नौकरियां नए उद्योगों में मिली हैं। प्रदेश में निजी क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर नौकरियों का सृजन हुआ है। हमने ग्रामीण अंचलों में युवाओं को निर्माण कार्यों से जोड़ने के लिए ई-श्रेणी पंजीयन कराया था, जिसके अंतर्गत 3 हजार से अधिक युवाओं ने पंजीयन कराया है, जिन्हें बिना टेंडर के निर्माण कार्य का ठेका दिया जा रहा है। अभी तक लगभग 1 हजार पंजीकृत युवाओं को सड़क, भवन आदि निर्माण कार्य आवंटित किए जा चुके हैं।

मेरा मानना है कि युवा खतरे के खिलाड़ी होते हैं। उनमें न तो लगन की कमी है और न ही वे मेहनत से डरते हैं। लेकिन गलत नीतियों के कारण डेढ़ दशक में खेती के काम को अंधेरी सुरंग बना दिया गया था, जहां से उजाले की किरण दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ती थी। हमने इस सुरंग में भी उजाला बिखेरने का काम किया है। हमने खेती-किसानी को बेहतर आय और प्रतिभा दिखाने के बेहतर अवसरों से जोड़ दिया है। एक ओर हमने छत्तीसगढ़ की फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की बेहतर व्यवस्था की है, पशुधन पालन को लाभ का जरिया बनाया है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अर्थव्यवस्था, नई उपजों को बढ़ावा, उनकी प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग जैसी व्यवस्थाओं को संस्थागत रूप दिया है। कृषि की वैज्ञानिक शिक्षा के साथ शोध, अनुसंधान और आविष्कार के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।

शिक्षित अपना रहे हैं खेती-किसानी

आप ऐसा क्या कर रहे हैं कि हमारे युवा साथी खेती-किसानी को ही अपनाएं? प्रश्न के उत्तर में सीएम बघेल ने कहा कि “राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, समर्थन मूल्य पर वनोपज खरीदी, वनोपज प्रसंस्करण, फूडपार्क की स्थापना जैसे प्रयासों से युवाओं को यह विश्वास हुआ है कि खेती-किसानी के काम में भी बहुत कुछ करने को है, जो नवीनता के अभाव में दिखाई नहीं पड़ता था। हमने तीन वर्षों में आधा दर्जन कृषि और उद्यानिकी महाविद्यालय खोले जैसे बेमेतरा, जशपुर, धमतरी, अर्जुन्दा, लोरमी में। महात्मा गांधी के नाम पर दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम सांकरा में उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई, जिसमें अब प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”

“कोदो, कुटकी, रागी जैसी फसलों के लिए कांकेर जिले में तथा विभिन्न कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग हेतु दुर्ग जिले में प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जा रही है। 200 से अधिक विकासखंडों में फूडपार्क की स्थापना हेतु भूमि आवंटन किया जा चुका है। बंजर जमीन को कृषि के लिए उपयोगी बनाने हेतु डीएमएफ तथा अन्य मदों से सहायता दी जा रही है। वन अधिकार अधिमान्यता पत्र के माध्यम से आवंटित जमीनों में खेती के साथ ही, समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। कुल मिलाकर बरसों से कृषि क्षेत्र में बौद्धिक आदान या इंटलेक्चुअल इनपुट को रोककर रखा गया था, जिसे हमने चारों ओर से खोल दिया है। इस तरह अब युवाओं को यह दिखने लगा है कि छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी अब लाभ का धंधा है। यही वजह है कि बहुत से किसान पुत्र तथा पुत्रियां उच्च शिक्षित होने के बावजूद अब खेती-किसानी तथा इससे जुड़े हुए कारोबार अपना रहे हैं।”

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चर्चा के दौरान युवाओं की उपलब्धियों और कीर्तिमानों का राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन का उल्लेख किया। उन्होंने कोरोना से बचने के लिए टीके लगवाने सहित कोरोना प्रोटोकॉल नियम का पालन करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने माह जनवरी अंतर्गत मकर संक्रांति, पोंगल त्यौहार, छेरछेरा पुन्नी, शाकम्भरी जयंती एवं गणतंत्र दिवस की प्रदेश की जनता को शुभकामनाएं दीं।

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