दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि परीक्षा में पूछे गए प्रश्न गलत थे। नीट और 2024 परीक्षा ‘पाठ्यक्रम से बाहर’ थे। एक रिपोर्ट के अनुसार सकलानी ने कहा कि स्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा में ‘सिलेबस से बाहर के प्रश्नों’ के संबंध में NTA द्वारा दिए गए बयान में कोई सच्चाई नहीं है।

मैसूर स्थित एनसीईआरटी के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) में मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए सकलानी ने कहा कि एनसीईआरटी की 2020 से ही संशोधित पाठ्यपुस्तकें प्रिंट और ऑनलाइन दोनों रूपों में उपलब्ध हैं और उन्हें नहीं पता कि प्रश्न तैयार करने वालों ने 2020 से पहले की पाठ्यपुस्तकों का संदर्भ क्यों दिया।

क्या है एनसीईआरटी पुस्तक विवाद?

लगभग 44 शीर्ष स्कोरर नीट और 2024 परीक्षा NCERT की पुरानी किताब के आधार पर भौतिकी के एक बुनियादी सवाल का गलत जवाब दिया। NTA ने उन सभी छात्रों को अंक दिए जिन्होंने दोनों विकल्पों के उत्तर दिए और निर्देश दिया कि छात्रों को NEET की तैयारी के लिए NCERT की पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करने के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए। इन छात्रों को NCERT कक्षा 12 की पाठ्यपुस्तकों के पुराने संस्करण के कारण अतिरिक्त अंक मिले। 29 मई, 2024 को उत्तर कुंजी जारी होने के बाद 13,000 से अधिक छात्रों ने गलत उत्तर पर विवाद किया। उम्मीदवारों ने अनंतिम उत्तर कुंजी के खिलाफ विवाद करते हुए कहा कि जिन छात्रों ने नकारात्मक अंकन के डर से प्रश्न का उत्तर नहीं दिया, वे दूसरों की तुलना में नुकसान में हैं।

इस बीच, एनटीए ने पहले देश भर के छह केंद्रों पर 1,563 नीट-यूजी 2024 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को खत्म कर दिया था। ये छात्र 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प चुन सकते हैं, जिसके नतीजे 30 जून को घोषित किए जाएंगे।

एनसीईआरटी निदेशक ने पहले यह भी कहा था कि NCERT की पाठ्यपुस्तकों में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ का परस्पर प्रयोग किया जाएगा, जैसा कि देश के संविधान में है।