नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में लंबे समय से लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर AAP नेता इसके लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस बीच जल मंत्री आतिशी ने दिल्ली के लोगों को उनके हक का पानी दिलाने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन करने का ऐलान किया। आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी का अनिश्चितकालीन अनशन शुक्रवार दोपहर से जंगपुरा के भोगल इलाके में शुरू हो गया।

अनशन से पहले राजघाट पहुंची आतिशी

अनशन पर बैठने से पहले वह मुख्यमंत्री आवास पहुंची और सुनीता केजरीवाल, सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह के साथ राजघाट गईं। राजघाट पहुंच कर उन्होंने महात्मा गांधी समाधि पर पुष्प अर्पित किए और अनशन पर बैठने के लिए भोगल रवाना हो गई। दिल्ली में चल रहे जल संकट को लेकर आतिशी ने अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और केंद्र सरकार दोनों ही दिल्ली के लोगों को पानी के लिए तरसा रही है। जनता त्राहिमाम कर रही है और हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं दे रही है। इसलिए अब अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत की जा रही है। आतिशी ने बताया कि दिल्ली वालों को उनके हक का पानी मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किया गया। फिर भी हरियाणा ने पानी नहीं दिया, इसलिए अब मजबूरन ‘पानी सत्याग्रह’ करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने सिखाया है सच्चाई की लड़ाई लड़ने के लिए सत्याग्रह अंतिम उपाय है। “मैं सत्याग्रह के जरिए दिल्ली के 28 लाख लोगों के लिए इस लड़ाई को लड़ूंगी।”

‘100 एमजीडी कम पानी दे रहा है हरियाणा’

आतिशी ने बताया कि दिल्ली को हरियाणा से 613 मिलियन गैलन (एमजीडी) पानी मिलना चाहिए लेकिन हरियाणा मात्र 513 एमजीडी पानी दे रहा है। दिल्ली में हरियाणा से रोजाना 100 एमजीडी पानी कम आ रहा है। इससे पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है और 28 लाख से ज़्यादा लोगों को अपने हक का पानी नहीं मिल पा रहा है। जब तक हरियाणा सरकार दिल्ली के 28 लाख लोगों के हक का पानी नहीं छोड़ती, तब तक मैं अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठूंगी। आतिशी ने कहा कि दिल्ली में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। दिल्ली वाले इस हीट वेव से परेशान हैं। ऐसे में ज्यादा पानी की ज़रूरत है।

हिमाचल सरकार पानी देने को तैयार, मगर..

उन्होंने कहा, “मैंने जल मंत्री होने के नाते हर संभव कोशिश की। केंद्र सरकार से बात की, हरियाणा सरकार से बात की, हिमाचल प्रदेश सरकार से बात की। हिमाचल पानी देने को तैयार है लेकिन वो भी हरियाणा से होकर आना है और इसके लिए हरियाणा सरकार ने मना कर दिया। हम सुप्रीम कोर्ट गए। हमने अपने अफसरों को हरियाणा सरकार के पास भेजा फिर भी हरियाणा सरकार ने पानी देने से मना कर दिया। मैंने प्रधानमंत्री जी को भी चिट्ठी भी लिखी। लेकिन इन सब के बावजूद अभी तक हरियाणा सरकार ने दिल्लीवालों को पानी नहीं दिया है।”