रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा पर 5 वर्ष पहले एक हादसे में कैदी की मौत के मामले में उसके पिता को जेल विभाग की तरफ से आर्थिक क्षतिपूर्ति दी गई है। आयोग ने घटना के करीब साढ़े 4 साल बाद केस की सुनवाई पूरी होने पर 16 जनवरी 2024 को इस संबंध में आदेश दिया था। इसी आदेश के बाद जेल विभाग की तरफ से पीड़ित पिता को रकम देने के बाद उसकी पावती आयोग को दी गई।

जानकारी के अनुसार किसी मामल में दुर्गेश यादव को गिरफ्तार कर बेमेतरा उपजेल में 29 मार्च 2019 को लाया गया था। तब से वह जेल में ही था। 6 जुलाई 2019 को जेल की पाकशाला में चावल का भगोना उतारते वक्त कैदी दुर्गेश यादव का पैर फिसल गया। इससे चावल के भगोने का गरम माड़ (पेज) दुर्गेश के पैर और शरीर के अन्य भाग में गिर गया। इसे वह गंभीर रूप से जल गया। जेल प्रशासन, बेमेतरा ने कैदी को तत्काल केंद्रीय जेल, रायपुर ट्रांसफर किया और उसका ईलाज अंबेडकर अस्पताल, रायपुर के बर्न यूनिट में कराया गया। इलाज के दौरान 9 जुलाई को बंदी की मौत हो गई| आयोग ने प्रकरण संज्ञान में लिया। कलेक्टर और एसएसपी रायपुर से इस घटना का प्रतिवेदन मांगा गया। एसडीएम ने इस घटना की जांच की तो कैदी के चावल के माड़ से जलने के कारण मौत की पुष्टि हुई।
आयोग ने पूरी मामले की जांच और बंदी दुर्गेश यादव की अप्राकृतिक मृत्यु के कारण और सिविल दायित्व के अंतर्गत, उसके विधिक वरिसानों को पांच लाख रूपये के भुगतान की अनुशंसा की गई थी। इसे मानते हुए जेल विभाग ने मृतक के पिता डोमार यादव को पांच लाख रूपए राशि का भुगतान कर दिया है|