टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले को रद्द करने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी है।

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कांग्रेस नेता की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली पिछली राज्य सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत कथित अपराधों की जांच सीबीआई को करने की अनुमति दी थी।

शीर्ष अदालत ने आज कहा, “सरकार द्वारा दी गई मंजूरी के आदेश पर उच्च न्यायालय कैसे रोक लगा सकता है? ऐसा पहले कभी नहीं सुना गया।”

डीके शिवकुमार के खिलाफ 3 अक्टूबर, 2020 को एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि 2013 से 2018 के बीच उनकी संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

एफआईआर के अनुसार, शिवकुमार और उनके परिवार के पास अप्रैल 2013 में 33.92 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति थी, लेकिन 2018 तक उन्होंने 128.6 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली थी, जिससे 30 अप्रैल, 2018 तक उनकी कुल संपत्ति 162.53 करोड़ रुपये हो गई।