टीआरपी डेस्क। नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (NIA) ने शनिवार सुबह पांच राज्यों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के तहत 22 ठिकानों पर छापे मारे गए, जिनका उद्देश्य आतंकी साजिश और टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों की जांच करना था। छापेमारी महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली में की गई, जिसमें महाराष्ट्र से चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। माना जा रहा है कि ये लोग आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हो सकते हैं, और इनसे फिलहाल पूछताछ जारी है।

महाराष्ट्र में NIA और ATS की संयुक्त कार्रवाई
महाराष्ट्र के मालेगांव, जालना और संभाजीनगर में NIA की टीमें सक्रिय रहीं, जहां उन्हें स्थानीय ATS की मदद मिली। मालेगांव के एक होम्योपैथी क्लिनिक से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि जालना से भी एक व्यक्ति पकड़ा गया। इनसे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों की जांच की जा रही है। इस दौरान पुलिस ने कुछ संदिग्ध सामग्री भी जब्त की है।
जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग पर NIA का शिकंजा
NIA की टीम ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में टेरर फंडिंग के आरोपों में छापेमारी की। यहां इकबाल भट नाम के व्यक्ति के घर पर छापा मारा गया, जिस पर आतंकी फंडिंग से जुड़े होने के आरोप हैं। इसके अलावा, कश्मीर के अन्य इलाकों में भी तलाशी अभियान चलाया गया है, और NIA को उम्मीद है कि इन कार्रवाइयों से टेरर फंडिंग से जुड़े अहम सुराग मिल सकते हैं।
दिल्ली में संदिग्धों से पूछताछ, संदिग्ध सामग्री जब्त
दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में भी NIA ने छापेमारी की, जिसमें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी शामिल थी। इस कार्रवाई में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, और उनके पास से संदिग्ध सामग्री जब्त की गई है। इनसे टेरर फंडिंग और आतंकी गतिविधियों के बारे में गहन पूछताछ की जा रही है।
पश्चिम बंगाल में भी हो चुकी है छापेमारी
चार दिन पहले, 1 अक्टूबर को NIA ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में भी छापेमारी की थी। दक्षिण 24 परगना, आसनसोल, हावड़ा, नदिया और कोलकाता में 11 स्थानों पर छापे मारे गए थे, जहां संदिग्ध नक्सली गतिविधियों में लिप्त लोगों के ठिकानों की तलाशी ली गई थी। इस दौरान कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए थे।
उत्तर प्रदेश में नक्सली फंडिंग मामले में कार्रवाई
NIA ने 30 अगस्त को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और महराजगंज में नक्सली फंडिंग से जुड़े मामलों में छापेमारी की थी। यहां इंकलाबी छात्र मोर्चा के एक सदस्य से पूछताछ की गई और एक छात्र को हिरासत में लिया गया था। NIA की यह कार्रवाई करीब सात घंटे तक चली थी।