टीआरपी डेस्क। विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट रविवार को भैया दूज के पावन पर्व पर आगामी छह माह के लिए बंद हो गए। इस अवसर पर केदारपुरी में जय बाबा केदार के नारों के बीच भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गूंज उठा। इस धार्मिक आयोजन में 15,000 से अधिक भक्त शामिल हुए, जिन्होंने भगवान केदार की उत्सव डोली को शीतकालीन प्रवास के लिए रवाना होते हुए देखा।

सुबह पांच बजे से बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में कपाट बंद करने की प्रक्रिया आरंभ हुई। आचार्य, वेदपाठियों और पुजारियों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की विशेष पूजा अर्चना की। इसके बाद, सुबह 8:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया, और इसके बाद केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।

तीन लाख श्रद्धालु कम पहुंचे

इस वर्ष की केदारनाथ यात्रा पर पिछले वर्ष की तुलना में आपदा का बड़ा असर देखने को मिला, जिसके चलते लगभग तीन लाख श्रद्धालु कम पहुंचे। रुद्रप्रयाग जिले में अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे यात्रा कई दिनों तक बंद रही।

अगस्त में यात्रा पूरी तरह ठप होने से यात्रा से जुड़े व्यापारियों पर भी बुरा असर पड़ा। पिछले वर्ष 19.57 लाख यात्रियों ने बाबा के दर्शन किए थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या 16.48 लाख के आसपास रही। इससे स्थानीय होटल और छोटे व्यापारियों की आमदनी प्रभावित हुई है।

यात्रा मार्ग की बहाली के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की लोनिवि शाखा के चार सौ से अधिक श्रमिकों ने कार्य किया, जिससे यात्रा को पुनः सुचारू किया जा सका। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि प्रशासन ने क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत के लिए त्वरित कार्रवाई की, जिससे श्रद्धालुओं को फिर से बाबा के दर्शन का अवसर मिल सके।

इस वर्ष के यात्रियों की संख्या

  • दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या: 16,48,500
  • हेली से दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या: 1,28,300
  • पिछले वर्ष के यात्रियों की संख्या: 19,57,850
  • हेलीकाप्टर से जाने वाले यात्रियों की संख्या: 1,40,641