रायपुर। छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ के शराब घोटाले में जेल में बंद दूरसंचार सेवा के अधिकारी एपी त्रिपाठी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रदेश में ED और EOW की गिरफ्त में आने के बाद त्रिपाठी पर सीबीआई की कार्रवाई होने वाली है।

जांच की मिली सहमति
राज्यपाल और राज्य सरकार ने दिल्ली पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 (केन्द्रीय अधिनियम 25, 1946) की धारा 6 के प्रावधानों के तहत अरुण पति (एपी)त्रिपाठी के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) करने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के विस्तार के लिए सहमति प्रदान की है। इसमें भारी रिश्वत राशि की मांग और स्वीकृति, अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करना और उक्त पीई के दौरान प्रकाश में आने वाले किसी अन्य कार्य के लिए भ्रष्टाचार में संलिप्तता शामिल है। जो उसी लेन-देन के दौरान किए गए या उन्हीं तथ्यों से उत्पन्न हुए हैं।
छग सरकार में प्रतिनियुक्ति पर थे त्रिपाठी
बता दें कि अतुल कुमार सिंह, निदेशक (वी-टेक), दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय और आयकर विभाग, नई दिल्ली के जांच-I के प्रधान निदेशक राजीव अग्रवाल को 04-08-2020 को पत्र भेजकर जांच की सिफारिश की गई थी। त्रिपाठी, 1994 बैच के भारतीय दूरसंचार सेवा अधिकारी, जो छत्तीसगढ़ राज्य सरकार में प्रतिनियुक्ति पर थे और उस अवधि में विशेष सचिव, वाणिज्यिक कर (आबकारी) और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक के पद पर थे।