नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देशभर में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के बीच ‘आर्थिक लिंक” होने की बात पता लगाने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिल्ली के शाहीन बाग में इस संगठन के तीन दफ्तर भी मिले हैं। इलाके में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का भी एक दफ्तर है।

मालूम हो कि शाहीन बाग में एक महीने से ज्यादा समय से सीएए विरोधी आंदोलन चल रहा है। यहां महिलाओं ने खासतौर पर सड़क को जाम कर रखा है।
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 2018 से ही पीएफआई की जांच में जुटी केंद्रीय एजेंसी ने यह भी पता लगाया है कि संसद द्वारा पिछले साल सीएए बनाए जाने के बाद से पश्चिमी उप्र में संगठन से जुड़े खातों में 120 करोड़ रुपए जमा कराए गए। ईडी सूत्रों के मुताबिक, संदेह है कि पीएफआई से सम्बद्ध संगठनों या लोगों ने इन पैसों का इस्तेमाल सीएए विरोधी प्रदर्शनों को भड़काने में किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, रिहैब फाउंडेशन इंडिया का भी जामिया नगर तथा दक्षिणी दिल्ली के जंगपुरा में एक-एक दफ्तर है। रिपोर्ट में इस संस्था का उल्लेख विभिन्न् बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के संबंध में हुआ है। पीएफआई से सम्बद्ध एक और संगठन एसडीपीआई का कार्यालय हजरत निजामुद्दीन क्षेत्र में होने की बात कही गई है। जंगपुरा क्षेत्र में नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया का भी दफ्तर है।
सूत्रों का कहना है कि ईडी ने पीएफआई के 73 बैंक खातों तथा सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों को 120 करोड़ रुपए फंडिंग के ट्रेल का पता लगाया है। इस बैंक खातों में पिछले दो महीनों में बड़े पैमाने पर लेनदेन हुआ है। ईडी पीएफआई के 27, आरएफआई के 9, 37 व्यक्तियों तथा इकाइयों के 17 विभिन्न् बैंकों में खाते पर नजर रख रही है।
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