इंदौर। दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए जा चुके स्वयंभू संत आसाराम शनिवार को इंदौर से रवाना हो गया। दोपहर में उसका काफिला लिंबोदी आश्रम से निकला, लेकिन न तो पुलिस को इसकी जानकारी थी और न ही उसके अनुयायियों को बताया गया कि वह कहां जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, आसाराम के काफिले को बेटमा टोल प्लाजा पार करते हुए देखा गया, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह अहमदाबाद की ओर बढ़ा है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है। इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि शनिवार दोपहर आसाराम के आश्रम से निकलने की सूचना मिली थी, लेकिन पुलिस को इस पूरे मामले से दूर रखा गया।

12 साल बाद लौटा, अनुयायियों से मिला और प्रवचन भी दिया

राजस्थान हाईकोर्ट से चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत मिलने के बाद आसाराम 18 फरवरी की रात इंदौर पहुंचा था। 12 साल बाद वह उसी आश्रम में रुका, जहां से उसकी गिरफ्तारी हुई थी।

इंदौर आने के बाद वह सबसे पहले अस्पताल पहुंचा। बुधवार को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने उसका मेडिकल चेकअप किया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। अस्पताल स्टाफ को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं थी, और फोटो लेने की कोशिश करने वालों से तस्वीरें डिलीट करवा दी गईं।

हालांकि, कोर्ट की शर्तों के बावजूद आसाराम ने आश्रम में अपने अनुयायियों से मुलाकात की और प्रवचन दिया। शुक्रवार को उसके प्रवचन में करीब एक हजार से ज्यादा अनुयायी पहुंचे। आश्रम में उसका अनुयायियों से बातचीत करने का वीडियो भी सामने आया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

गुपचुप तरीके से छोड़ा आश्रम

शनिवार दोपहर वह अपने बाउंसरों और गाड़ियों के काफिले के साथ आश्रम छोड़कर रवाना हो गया। उसके जाने के बाद आश्रम के दरवाजे अनुयायियों के लिए खोल दिए गए। इससे पहले पालनपुर (गुजरात) आश्रम का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह सामूहिक रूप से भक्तों से मुलाकात करता नजर आया था। आसाराम को इन शर्तों पर जमानत मिली है कि वह प्रवचन नहीं करेगा