टीआरपी डेस्क। गुजरात में चल रहे कांग्रेस अधिवेशन के दौरान पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा काम नहीं करने वालों को हटाया जाएगा वाले बयान ने सियासी हलचल तेज कर दी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने परफॉर्मेंस आधारित मूल्यांकन प्रणाली की खुलकर वकालत की।

काम नहीं करने वाले खुद से नहीं हटते
सिंहदेव ने कहा, जो लोग पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे, वे स्वेच्छा से कभी अपनी जगह नहीं छोड़ते। ऐसे में संगठन को खुद ही ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस में एक पारदर्शी परफॉर्मेंस बेस्ड एसेसमेंट सिस्टम लागू होना चाहिए, जिससे निष्क्रिय नेताओं पर कार्रवाई की जा सके।
उम्र नहीं, प्रदर्शन हो आधार
मीडिया से बातचीत में सिंहदेव ने कहा, मैं 72 साल का हूं, लेकिन आज भी मुझमें काम करने की ऊर्जा है। केवल युवा होना कोई गारंटी नहीं है अगर कोई युवा नेता भी प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है, तो उसे जिम्मेदारी क्यों दी जाए? उन्होंने यह भी जोड़ा कि पार्टी में कार्य की गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि केवल आयु या वरिष्ठता को।
खड़गे के बयान से कांग्रेस में नए मंथन के संकेत
मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान और टीएस सिंहदेव की प्रतिक्रिया से यह संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस नेतृत्व अब कार्यक्षमता और ज़मीनी प्रदर्शन को प्राथमिकता देने के मूड में है। पार्टी के भीतर जवाबदेही तय करने की यह पहल आने वाले दिनों में बड़े बदलावों की भूमिका निभा सकती है।