रायपुर। छत्तीसगढ़ में सूचना आयुक्त के दो पदों पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्राप्त कुल 79 आवेदनों (72 आवेदकों से) में से 51 नामों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। यही साक्षात्कार 28 मई 2025 को रायपुर के सिविल लाइंस स्थित सर्किट हाउस में आयोजित किया जाएगा।

इस सूची में सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करने वाला नाम है पूर्व IAS अधिकारी अमृत खलखो का। अमृत खलखो उन अधिकारियों में शामिल हैं जिनके ठिकानों पर अगस्त 2024 में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2022 की राज्य सेवा परीक्षा में कथित गड़बड़ियों और भाई-भतीजावाद की जांच के तहत छापे मारे थे। जांच के दौरान रायपुर और भिलाई स्थित उनके आवास भी शामिल थे।

CBI ने खलखो के बेटे निखिल खलखो और बेटी नेहा खलखो से पूछताछ की थी, जिनका चयन उसी परीक्षा में डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था। उल्लेखनीय है कि अमृत खलखो राज्यपाल के सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं।

इस स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं जब खुद खलखो एक गंभीर जांच के घेरे में हैं, तो उन्हें इतने संवेदनशील और जवाबदेह पद के लिए इंटरव्यू में शामिल क्यों किया गया? क्या चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न नहीं लगते?

बता दें कि राज्य सूचना आयुक्त के दो पदों के लिए 4 मार्च 2025 को अधिसूचना जारी की गई थी। यह विज्ञापन समाचार पत्रों और सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 19 मार्च थी।

अचानक ही शर्तों में किया गया बदलाव

हालांकि, उस समय आवेदन के लिए अनुभव की कोई विशेष शर्त नहीं रखी गई थी। लेकिन 9 मई को जारी इंटरव्यू कॉल लेटर में सर्च कमेटी ने विधि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंपर्क या प्रशासन के क्षेत्र में कम से कम 25 वर्षों के अनुभव की अनिवार्यता जोड़ दी। इसी नए मापदंड के आधार पर 172 आवेदकों में से सिर्फ 51 को ही इंटरव्यू के लिए चुना गया।

चयन प्रक्रिया को लेकर उठ रहे ये सवाल स्वयं सरकार की पारदर्शिता की छवि को प्रभावित कर सकते हैं। आगामी 28 मई के साक्षात्कार के बाद ही स्पष्ट होगा कि दो सूचना आयुक्तों के पदों पर कौन-कौन विराजमान होंगे।