टीआरपी डेस्क। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है। अब जयशंकर बुलेटप्रूफ गाड़ियों के काफिले में चलेंगे और उनके साथ विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडोज़ की तैनाती भी की गई है।

क्यों बढ़ाई गई सुरक्षा?

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने हालिया सुरक्षा खतरों के आकलन के बाद जयशंकर की सुरक्षा में यह बड़ा बदलाव किया है। उन्हें अब देशभर में आवाजाही के लिए उन्नत बुलेटप्रूफ वाहन मुहैया कराया गया है।

गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में उनकी सुरक्षा श्रेणी को ‘Y’ से बढ़ाकर ‘Z’ किया गया था, जिसके बाद सीआरपीएफ ने दिल्ली पुलिस से सुरक्षा का पूरा जिम्मा अपने हाथ में ले लिया था।

भारत-पाक तनाव के बीच लिया गया फैसला

यह सुरक्षा बढ़ोतरी 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके बाद भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के मद्देनज़र की गई है। इस सैन्य कार्रवाई को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया, जिसकी शुरुआत 7 मई को हुई थी।

इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया गया।

पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई और भारतीय प्रतिक्रिया

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी और ड्रोन हमलों की कोशिशें कीं। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेसों पर सटीक और समन्वित हमले किए, जिनमें उनके रडार, संचार केंद्र और हवाई संरचनाएं क्षतिग्रस्त कर दी गईं। अंततः 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने संघर्षविराम की घोषणा की।

वीआईपी सुरक्षा में सीआरपीएफ की भूमिका

सीआरपीएफ फिलहाल देशभर में 210 से अधिक विशिष्ट व्यक्तियों को सुरक्षा दे रही है। इनमें गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, दलाई लामा, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सुरक्षा को भी उस उच्च स्तर पर पहुंचा दिया गया है।