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बेमेतरा। शिक्षा विभाग के बाबू ने जरूरतमंद बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने के लिए चलाई जा रहे शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) का नाजायज फायदा उठाया। इस कारनामे का खुलासा होने पर बाबू को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल जिस परिवार के पास BPL का राशन कार्ड होता है, उनके बच्चों को RTE के तहत प्रवेश की पात्रता होती है। अंत्योदय राशन कार्डधारी भी BPL माने जाते हैं। इस बाबू द्वारा कूटरचना कर अंत्योदय राशन कार्ड बनवाने के बाद अपनी बेटी को आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल में दाखिला कराने की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई है। मामले में डीईओ कार्यालय के क्लर्क प्रवीण सिंह राजपूत को निलंबित किया गया है। वहीं इस मामले में नोडल अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। इसी कड़ी में जिले में शिक्षा के अधिकार के तहत चयनित बच्चों के दस्तावेजों की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है।

शिकायत की जांच पर हुई कार्यवाही

आशुतोष पांडेय पिता कमल नारायण पांडेय, वार्ड 5 बेमेतरा ने शिकायत करते हुए कलेक्टर के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत किया था। डीईओ कार्यालय के कर्मचारी प्रवीण सिंह राजपूत पिता दवन सिंह राजपूत के द्वारा रचना राजपूत के नाम पर अग्रसेन वार्ड निवासी बताकर अंत्योदय कार्ड बनवाया। फिर छात्रा शैलश्री सिंह पिता प्रवीण सिंह राजपूत को एलेन पब्लिक स्कूल बेमेतरा में शिक्षा सत्र 2024-25 में आरटीई के तहत एडमिशन करा दिया। संलग्न दस्तावेज में परिवार के सदस्यों के विवरण में रचना राजपूत, प्रवीण राजपूत पुत्र व निधि राजपूत बहू के तौर पर दर्ज है।

अपनी मां के नाम पर बनवाया था अंत्योदय कार्ड

प्रवीण राजपूत सहायक ग्रेड 2 के पद पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ होने के बाद भी अपनी माता के नाम से अंत्योदय कार्ड बनवाकर अपनी पुत्री शैलश्री सिंह को आरटीई के तहत दाखिला कराया। शिक्षा सत्र 2025-26 में बेटी शैलश्री सिंह को एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल में दाखिला दिलाया। सहायक ग्रेड 2 कर्मचारी प्रवीण सिंह राजपूत के कृत्य को छग सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम (1)(2)(3) के विपरीत होने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, नवागढ़ निर्धारित किया गया है। निलंबन का यह आदेश डीईओ डॉ. कमल कपूर द्वारा जारी किया गया।

RTE से चयनित बच्चों के दस्तावेजों की होगी सूक्ष्म जांच

सरकारी बाबू के कारनामे को देखते हुए DEO द्वारा जिले के समस्त निजी शालाओं में सत्र 2024-25 एवं सत्र 2025-26 में आरटीई पोर्टल में संलग्न दस्तावेजों के आधार पर चयनित बच्चों का सूक्ष्म परीक्षण करने के लिए दो जांच समिति का गठन किया गया है। समिति 7 दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन अभिमत सहित जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेगी।