रायपुर। छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण योजना को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने गुरुवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि, युक्तियुक्तकरण सरकार का ऐसा फैसला है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ है और शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने वाला है।

बैज ने सवाल उठाया कि जब स्कूल बंद किए जा रहे हैं और 57 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में है, तो सरकार बच्चों के भविष्य को गर्त में क्यों ले जा रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार स्कूलों को बंद कर शराब की दुकानें खोल रही है, और अभी तक एक स्थायी शिक्षा मंत्री तक नियुक्त नहीं कर पाई।

उन्होंने यह भी कहा कि, जिन स्कूलों को बीजेपी सरकार ने बंद किया था, उन्हें कांग्रेस सरकार ने फिर से खोला था। अब शिक्षा विभाग में पोस्टिंग को लेकर खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया है।

ट्रांसफर पॉलिसी पर भी उठाए सवाल, कहा- मंत्रियों के घर बनेंगे ‘बोली केंद्र’

राज्य सरकार द्वारा ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दिए जाने पर भी बैज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि, अब मंत्रियों के घरों में ट्रांसफर की बोली लगाई जाएगी। यह नीति सिर्फ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में अराजकता और अफसरशाही का बोलबाला है और सरकार अब कर्मचारियों को लूटने की ओर बढ़ रही है।

बैज का हमला- बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई का आंकड़ा क्यों नहीं?

डिप्टी सीएम विजय शर्मा द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों को कांग्रेस का वोटबैंक बताए जाने पर बैज ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, प्रदेश में बीजेपी सरकार को सत्ता में आए डेढ़ साल हो चुके हैं, तो बताएं कि कितने बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की गई, कितनों को गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया? उन्होंने सरकार से आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग की।

जातिगत जनगणना को लेकर भी सवाल

जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी पीसीसी चीफ ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, देशभर में 2027 से जातिगत जनगणना होनी है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार सालभर में भी इसे शुरू नहीं करना चाहती। सरकार नहीं चाहती कि लोग अपने अधिकार जानें और उन्हें उनका हक़ मिले।