टीआरपी डेस्क। जम्मू-कश्मीर के लिए आज का दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि से भरा रहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटड़ा से श्रीनगर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर 130 साल पुराने सपने को साकार किया। इस क्षण ने न केवल भौगोलिक दूरी को मिटाया, बल्कि एक एकजुट भारत की भावना को भी और सशक्त किया।

चिनाब ब्रिज बना ‘ड्रीम लिंक’
इस ऐतिहासिक रेल यात्रा की शुरुआत का रास्ता दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज, चिनाब ब्रिज से होकर गुजरता है। रियासी जिले के बक्कल और कौरी गांवों को जोड़ता यह विशाल पुल अब भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शुमार हो चुका है। यह कुतुब मीनार से पांच गुना ऊंचा और एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। इस अद्भुत संरचना ने कश्मीर को भारत के बाकी हिस्सों से रेल द्वारा जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।
वंदे भारत एक्सप्रेस: कश्मीर के विकास का रथ
श्रीनगर से रवाना होने वाली वंदे भारत अब कन्याकुमारी से कश्मीर तक सीधा रेल संपर्क स्थापित करती है। लोको पायलट रामपाल शर्मा ने कहा कि, “यह भारतवासियों के लिए गौरव की बात है। यह आसान काम नहीं था। पीएम मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और सभी रेलवे अधिकारियों ने इस सपने को साकार करने में दिन-रात एक किया।”
भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल: अंजी ब्रिज
चिनाब ब्रिज के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पहले केबल-स्टेड रेल पुल अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन किया। यह पुल भी इंजीनियरिंग कौशल और संकल्प का अद्वितीय उदाहरण है। निर्माण के दौरान खड़ी ढलानों, तेज हवाओं और कठिन भूगोल जैसी चुनौतियों के बावजूद इस पुल को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना के अंतिम चरण का कार्य पूरा होने के साथ अब कश्मीर को पूरे भारत से रेल मार्ग से जोड़ दिया गया है। यह परियोजना वर्षों से लंबित थी, लेकिन मोदी सरकार के नेतृत्व में यह संभव हो सका।
व्यूपॉइंट और रेलवे म्यूज़ियम का निरीक्षण
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने चिनाब ब्रिज के पास बने व्यूपॉइंट से परियोजना का निरीक्षण किया और अधिकारियों से तकनीकी जानकारियाँ प्राप्त कीं। इसके बाद उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ रेलवे म्यूज़ियम का भी दौरा किया।