कोरबा। एनटीपीसी के धनरास गांव स्थित फ्लाई एश पॉन्ड से उड़ने वाली राख से परेशान लोगों का गुस्सा पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे ग्रामीणों से मिलने गांव पहुंचे एनटीपीसी के अधिकारियों को ग्रामीणों ने उन्हीं की फैलाई हुई राख का स्वाद चखा दिया। लोग बोरियों में रख भरकर पहुंचे और गुस्से में आकर अधिकारियों के चेहरे पर फेंक दी। इस दौरान कटघोरा से बीजेपी विधायक प्रेमचंद पटेल भी मौके पर मौजूद थे।


पूरा गांव राख से हो जाता है सराबोर
दरअसल, धनरास गांव में एनटीपीसी थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख को एक बड़े डैम में डाला जा रहा है। मगर, कुछ ठेकेदार इधर-उधर भी राख फेंक रहे हैं। गांव में जब हल्की हवा भी चलती है तो राख उड़कर पूरे इलाके को ढक देती है। लोगों के घर-आंगन, खाना-पीना सब कुछ राख से भर जाता है। शादी-ब्याह या कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम हो, अगर हवा चली तो खाना भी राख में मिल जाता है।
धरना–प्रदर्शन कर रहे थे ग्रामीण
लगातार शिकायतें करने और कोई असर न दिखने के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता चुना। 2 जून से ही धनरास फ्लाई एश डैम में ग्रामीण धरने पर बैठे थे। उनकी 7 मांगें थीं, जिनमें प्रमुख मुद्दे राख की समस्या और स्थानीय लोगों को रोजगार देना शामिल था।
कई दिन तक इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बीच एनटीपीसी के अधिकारी ग्रामीणों से बात करने पहुंचे। उनके साथ कटघोरा विधायक, तहसीलदार, पुलिस और CISF के जवान भी थे। शाम 4 बजे बातचीत शुरू हुई, करीब ढाई घंटे चली, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

अफसर पर गुलाल की तरह फेंकी राख
जब अधिकारी बिना निर्णय लिए वापस जाने लगे, तो गुस्साए ग्रामीणों ने राख को होली के गुलाल की तरह उन पर फेंक दिया। हड़बड़ाए सीआईएसएफ के जवान तुरंत अधिकारियों को घेरे में लेकर वहां से निकालने लगे, लेकिन ग्रामीण नारेबाजी करते रहे और राख फेंकते रहे। इस हंगामे में कुछ पुलिस अधिकारी भी राख की चपेट में आ गए।
NTPC प्रबंधन ने मांगा समय
राख फेंकने की घटना के बाद देर शाम फिर एक बैठक बुलाई गई जिसमें विधायक प्रेमचंद पटेल, राजस्व अधिकारी और पुलिस मौजूद थे। विधायक ने ग्रामीणों की बात रखी, जिसके जवाब में एनटीपीसी ने 10 दिन का समय मांगा है ताकि उनकी मांगों पर कार्रवाई की जा सके। इसके बाद ग्रामीणों ने फिलहाल आंदोलन स्थगित कर दिया है।