कवर्धा। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा से लगे घोर नक्सल प्रभावित दरिया पंचायत के आश्रित ग्राम बंदूकुंदा में पुलिस विभाग की पहल पर युवा शिक्षा की अलख जला रहे हैं। एक ओर जहां घने जंगल, दुर्गम रास्ते और नक्सलियों की धमक जैसी चुनौतियां हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग गांव में स्कूल बनवाकर संचालन कर रहा है। यहां शिक्षक 10 किमी पैदल चलकर मुश्किल हालात में बच्चों का भविष्य बना रहे हैं।

पुलिस विभाग ने बैगा बाहुल्य क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत एक सराहनीय पहल की है। बंदूकुंदा, सौरु, पंडरी पथरा और सुरूतिया जैसे अंचलों में स्वयं के संसाधनों से स्कूल भवन बनवाकर 9 गांवों में स्कूलों का संचालन करा रहा है। खास बात यह है कि यहां पढ़ाने के लिए इन्हीं क्षेत्रों के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को चुना गया है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे छोटे हैं। पुलिस विभाग इन होनहार बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए जिला मुख्यालय के सरकारी स्कूलों में दाखिला भी दिलाया जा रहा है।