रायपुर। राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों की बोनस राशि में हुई व्यापक अनियमितताओं को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 वन विभाग के कर्मचारी और 7 समिति प्रबंधकों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को दंतेवाड़ा जिला न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

मुख्यमंत्री और वन मंत्री के निर्देश पर जांच, घोटाला उजागर

तेंदूपत्ता बोनस वितरण में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वन मंत्री केदार कश्यप ने जांच के आदेश दिए थे। जांच के दौरान सामने आया कि सुकमा वनमंडल के कोंटा, किस्टाराम और गोलापल्ली परिक्षेत्र में संग्राहकों को दो वर्षों का बोनस मिलना था, लेकिन उन्हें सिर्फ एक साल का वह भी अधूरा भुगतान किया गया। इतना ही नहीं, कई फर्जी नामों और मृत व्यक्तियों के नाम पर भी भुगतान दर्शाया गया, जिससे घोटाले का पूरा स्वरूप सामने आया।

समिति प्रबंधकों ने खुद निकाली राशि, 8 महीने तक नहीं दिया भुगतान

जिला पंचायत सदस्य हुंगाराम मरकाम ने बताया कि वर्ष 2021 और 2022 के लिए तेंदूपत्ता बोनस की ₹6.54 करोड़ की राशि सुकमा वनमंडल के लगभग 66,000 संग्राहकों को दी जानी थी। लेकिन प्रबंधकों ने अप्रैल में ही पूरी राशि निकाल ली और अगले 8 महीनों तक संग्राहकों को कोई भुगतान नहीं किया।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र का हवाला देकर अधिकारियों ने ₹3.62 करोड़ की नकद वितरण की अनुमति ली, लेकिन वह राशि भी पारदर्शिता से वितरित नहीं की गई।

11 समितियों को किया गया भंग, वनमंडलाधिकारी पर केस दर्ज

जांच के बाद 11 समितियों के प्रबंधकों को पद से हटा दिया गया और संचालक मंडलों को भंग कर दिया गया है। वहीं, सुकमा के वनमंडलाधिकारी को सरकार ने निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी भी की गई है। समिति नोडल अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

आदिवासी हितों की रक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग

हुंगाराम मरकाम ने तेंदूपत्ता को ‘आदिवासियों का हरा सोना’ बताते हुए वन मंत्री केदार कश्यप का आभार जताया और मांग की कि 11 समितियों के सभी संग्राहकों को बकाया बोनस भुगतान की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।

मरकाम ने कांग्रेस पर साधा निशाना

2018 से 2023 तक लूट की राजनीति करने वाले अब दिखावे के आरोप लगा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत तेंदूपत्ता पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन क्या वे अपने ही नेता कवासी लखमा द्वारा किए गए करोड़ों के घोटाले पर बोलेंगे? क्या 2200 करोड़ के शराब घोटाले में कार्रवाई न होने पर कांग्रेस जवाब देगी?