टीआरपी डेस्क। अहमदाबाद में विमान हादसे के महज 38 घंटे बाद ही 14 जून की सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की वियना जाने वाली फ्लाइट में एक और बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यह खुलासा एक ताज़ा रिपोर्ट में हुआ है, जिससे विमानन सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

विमान ने 900 फीट तक खो दी थी ऊंचाई

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर बोइंग 777 (VT-ALJ) विमान को स्टॉल चेतावनी मिली, जो विमान की गति और स्थिति को लेकर एक गंभीर अलर्ट होता है। इसके साथ ही ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम (GPWS) ने Don’t Sink! चेतावनी जारी की, जो बताता है कि विमान तेज़ी से नीचे की ओर जा रहा है।
इस दौरान विमान लगभग 900 फीट की ऊंचाई तक नीचे आ चुका था, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर संकट खड़ा हो गया।

खराब मौसम बना बड़ी चुनौती

14 जून को जब यह फ्लाइट सुबह 2:56 बजे दिल्ली से रवाना हुई, उस समय राजधानी में आंधी-तूफान और बेहद खराब मौसम था। ऐसे मौसम में उड़ान भरना अपने आप में जोखिमपूर्ण होता है। विमान में उड़ान भरते ही स्टिक शेकर्स (विमान के कंपन के जरिए दी जाने वाली चेतावनी) और GPWS अलर्ट ने पायलटों को सतर्क कर दिया।

पायलट की तत्परता ने बचाई जान

ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात में कैप्टन और उनकी टीम ने सूझबूझ से तुरंत नियंत्रण संभाला और संभावित दुर्घटना को टाल दिया। करीब 9 घंटे 8 मिनट की उड़ान के बाद विमान को सुरक्षित रूप से वियना एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया।

नियमों और जांच पर फिर उठे सवाल

यह घटना अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के महज 38 घंटे बाद घटी, जिससे विमानन सुरक्षा मानकों की समीक्षा की ज़रूरत और तेज़ हो गई है। डीजीसीए और एयर इंडिया ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है।