सक्ती/जैजैपुर। सक्ती जिले के जैजैपुर तहसील में पदस्थ तहसीलदार नंदकिशोर सिन्हा पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है। जमीन विवाद के एक मामले में शिक्षक से आदेश पक्ष में देने के एवज में रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ है, जिसने पूरे जिले की प्रशासनिक साख पर कालिख पोत दी है।

ड्राइवर के फोनपे पर रिश्वत का भुगतान

इस संबंध में वायरल वीडियो में नजर आया कि तहसीलदार के सरकारी आवास पर शिक्षक दिलीप चंद्रा रिश्वत देने पहुंचा और यह लेन-देन तहसीलदार के ड्राइवर दुर्गेश सिदार के फोन-पे खाते पर किया गया, मतलब रिश्वतखोरी को डिजिटल रूप देने का दुस्साहस तक किया गया।

इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर अमृत विकास टोप्पो ने तत्काल संज्ञान लेकर तहसीलदार को नोटिस जारी किया और तीन दिनों के भीतर जवाब तलब किया है।

सवाल यह उठता है कि जिन अधिकारियों पर जनता की सेवा का उत्तरदायित्व होता है, जब वही व्यक्ति अपने पद का दुरुपयोग कर न्याय को नीलाम करें, तो यह लोकतंत्र की आत्मा पर हमला है। तहसीलदार जैसे वरिष्ठ प्रशासनिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा रिश्वत लेना न केवल आपराधिक है, बल्कि यह प्रशासन की समूची व्यवस्था पर जनता के विश्वास को तोड़ने वाला कृत्य है।