रायपुर। पर्यावरणविदों के अनुसार केवल इंडस्ट्री को ही प्रदूषण के लिए अकेला जिम्मेदार ठहराया जाना गलत है, उद्योगों के अलावा जर्जर सड़कें, कोल डस्ट और ताप विद्युत गृह से उत्सर्जित होने वाले कार्बन कण भी प्रदूषण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कारक है। ये बात प्रदूषण के आज मिले आंकड़ों से साफ हो गई।

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरी दुनिया में लॉकडाउन है। इसके चलते पूरी दुनिया में प्रदूषण लेवल कम हो गया है। लॉकडाउन के चलते देश ही प्रदेश के सभी बड़े शहरों में एयर क्वालिटी इडेक्स में (Air Quality Index, AQI) में काफी सुधार हुआ है। कमोबेश छ्तीसगढ़ के सभी शहरों में एयर क्वालिटी में सुधार हुआ है।
वहीं प्रदेश के औद्योगिक शहर कोरबा ही ऐसा है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स बाकी अन्य शहरों से ज्यादा है। छत्तीसगढ़ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी वहां की खराब सड़कों को बता रहे हैं, जिससे वातावरण में धूल के कण ज्यादा होने से एयर क्वालिटी अन्य शहरों की अपेक्षा थोड़ा ज्यादा खराब है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला बोर्ड को नोटिस जारी किया है।
बता दें कि लॉकडाउन के पहले राजधानी रायपुर देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार थे। लॉकडाउन के बाद रायपुर की एयर क्वालिटी में करीब 25 से 30 फीसदी तक सुधार हुआ है और वर्तमान में रायपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (0-50 AQI) गुड की श्रेणी में पहुंच गया है।
इसी तरह कमोबेश प्रदेश के अन्य शहरों की स्थिति है, लेकिन प्रदेश के कोरबा ऐसा है, जहां लॉकडाउन के दौरान भी वहां की एक्यूआई 0-50 से ऊपर है। यानी प्रदेश के अन्य औद्योगिक शहरों की अपेक्षा अधिक प्रदूषित है। इस संबंध में इस संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला बोर्ड को नोटिस जारी कर इसका कारण पूछा है।
प्रदेश में पांच बड़े शहरों के प्रदूषण की जांच की जाती है
प्रदेश के पांच बड़े औद्योगिक शहर रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, कोरबा व रायगढ़ का ही एयर क्वालिटी इंडेक्स की जांच की जाती है। यहां पर प्रदूषण मापने की मशीन लगाई गई है। लॉकडाउन के दौरान अभी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई व रायगढ़ की एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 (AQI) के बीच है, जो गुड की श्रेणी में आता है।
वहीं कोरबा की एयर क्वालिटी 50-58 (AQI) है, जो सेटिसफेक्ट्री की श्रेणी में आता है अर्थात कोरबा का प्रदूषण संतोषजनक तो है, पर बढ़ा हुआ है।
जर्जर रोड भी प्रदूषण का कारण
इस संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चीफ इंजीनियर आरपी तिवारी का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान पूरे प्रदेश में औद्योगिक कारखाने व फैक्ट्री बंद है। इस कारण प्रदूषण कम हो गया है। प्रदेश के सभी शहरों की एयर क्वालिटी में जबरदस्त सुधार हुआ है।
सभी शहर की एक्यूआई गुड है। सिर्फ कोरबा की एक्यूआई थोेड़ा ज्यादा है। इसका कारण उस इलाके में खराब सड़कें हैं, जिससे हवा में धूल के ज्यादा पार्टिकल होने से ऐसा हुआ है। फिर इसे सेटिसफाई कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस सबंध में जिला बोर्ड के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है।
सक्षम जिम्मेदार अधिकारी को नोटिस जारी कियाः मंत्री मो. अकबर
प्रदूषण के मामले में कोरबा द्वारा इतिहास रचने के सवाल पर पर्यावरण मंत्री मो. अबकर ने कहा कि यह हैरानी की बात हैं कि आखिरकार जब पूरी दुनिया में प्रदूषण के आकड़े कम हो रहे हैं तो फिर कोरबा में ज्यादा क्यों, यह जानना बेहद ही जरूरी है, इसलिए जिले के सक्षम अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
प्रदूषण के आकड़े:-
इस तरह जांच की जाती है एयर क्वालिटी इंडेक्स
AQI प्रदूषण की स्थिति
0-50 गुड
51-100 सेटिसफैक्ट्री
101-200 मॉडरेट
201-300 पुअर
301-400 वेरी पुअर
401-500 सीवियर
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