रायपुर। बस्तर में बुखार के चलते 4 बच्चों में से एक बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। जिसकी मौत जापानी इन्सेपेलाइटिस के कारण हुई थी। मगर बाकी तीन बच्चों को ठीक उसी तरह से झटके आ रहे थे जिस तकर चमकी बुखार में आते हैं। इतना ही नहीं एक बच्चा 24 घंटे के बाद बेहोशी से जागा। इधर मेडिकल कॉलेज जगदलपुर के चिकित्सा विशेषज्ञ का कहना है कि एक बच्चे में जापानी बुखार के लक्षण पाए गए थे। मगर बाकी तीन बच्चों में ठीक उसी तरह के लक्षण है जिस तरह चमकी बुखार में देखने मिलते हैं।

केवल 01 बच्चे में ही जापानी इन्सेफेलाइटिस पॉजीटिव पाया गया। बाकी दो बच्चों का निगेटिव रिपोर्ट रहा। जानकारी के अनुसार जापानी बुखार से पीड़ित बच्चे का नाम भुवनेश्वर उर्फ भवानी था। 4 साल का मृत बच्चा बकावंड ब्लाक के चोलनार गांव का रहने वाला था। जांच रिपोर्ट में भुवनेश्वर को जापानी इन्सेफेलाइटिस पॉजिटिव पाया गया। जिसकी गुरुवार रात 8 बजे जापानी इन्सेफेलाइटिस की वजह से मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि मृतक भुवनेश्वर 10 जून से बुखार से पीड़ित था।

आनन फानन में हुई जांच

मगर इस मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज जिले और ब्लाक स्तरीय कॉम्बेट टीम ने आज चोलनार गांव के छोटेमुण्डरापारा में मरीज और उनके परिजनों से मुलाकात कर 88 व्यक्तियों की जांच की गई। जिनमें 18 लोग मरीज के संपर्क में आये थे उनकी भी जांच की गई। जिसमें बुखार का कोई लक्षण नहीं पाया गया। चोलनार के छोटेमुण्डरापारा के सभी घरों में एडिज मच्छर मारने के लिए छिड़काव किया गया है। तथा चोलनार तथा आस-पास के गांव में भी सभी घरों में छिड़काव करने के निर्देश दिया गया है।

स्वास्थ्य केंद्र में दे सूचना मितानिन

ग्राम में स्थित समस्त परिवार के सदस्यों को मच्छर दानी का उपायोग करने की सलाह दी गई है। आस पास में पानी जमा न होने देने एवं किसी को भी बुखार होने पर इसकी सूचना मितानिन एवं नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में देने की अपील की गई है। चिकित्सकीय दलों द्वारा पूरे क्षेत्र की सतत निगरानी की जा रही है एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नियंत्रण एवं बचाव हेतु विस्तृत दिशा निर्देश समस्त जिलों में जारी किये गये है।

जापानी इन्सेफेलाइटिस का है ना कि चमकी बुखार

यह प्रकरण जापानी इन्सेफेलाइटिस का है ना कि चमकी बुखार हैं। जापानी इन्सेफेलाइटिस पूर्व में भी बस्तर क्षेत्र में पाया गया है जिसपर विभाग के द्वारा तत्परता के साथ चिकित्सा सुविधा तथा रोकथाम की कार्यवाही की गयी है। इस संबंध में बस्तर जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रो में रोग प्रविबंधात्मक कार्यवाही तथा चिकित्सा हेतु दिशानिर्देश जारी किया जा चुका है तथा मेडिकल कॉलेज जगदलपुर डिमरापाल में संपूर्ण जांच और उपचार की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।