आयुष्मान भारत योजना में घोटाले-धोखाधड़ी के मामले आ रहे सामने
नई दिल्ली। देश में आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) को लागू हुए अभी साल भी पूरे नहीं हुए कि आए दिन इसमें धोखाधड़ी के मामले सामने आने लगे हैं। हाल ही में उत्तराखंड (Uttrakhand) के कई अस्पतालों (Hospitals) में इस योजना के तहत धोखाधड़ी के कई मामले आने के बाद देश के कई राज्यों से इस योजना के तहत शिकायतें आ रही हैं। इन शिकायतों के कारण ही अब तक करीब 250 अस्पतालों को इस योजना के पैनल से बाहर कर दिया गया है।
पुरूषों के गर्भाशय तक को नहीं छोड़ा
इस योजना के तहत फर्जी तरीके से हेल्थ कार्ड (Health Card) बनाने वाले 993 केंद्रों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई गई है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें एक ही डॉक्टर (Doctor) ने एक ही दिन में चार जिलों में ऑपरेशन (Operation) कर डाले हैं। कई ऐसे भी मामले पकड़ में आए हैं कि उनकी सर्जरी कागजों पर काफी महंगी थी असल हकीकत कुछ और ही थी। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की ऐंटी फ्रॉड यूनिट (National Health Authority Anti Fraud Unit) ने कई ऐसे ही मामलों का पता लगाया है। जिसमें हैरत करने वाला मामला यह भी है कि डॉक्टरों ने आयुष्मान योजना (Ayushman Bharat Scheme) के ही तहत पुरूषों के गर्भाशय तक को अलग कर दिया। इतना ही नहीं एक ही रात में कई लोगों की सर्जरी भी कर दी गई।
90 फीसदी मामले उत्तर प्रदेश के
इस योजना के तहत फर्जी कार्ड बनाने वाले 993 केंद्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें उत्तर प्रदेश के आगरा के 900 और पीलीभीत के तीन केंद्र हैं। वहीं, 250 से अधिक अस्पतालों को योजना के पैनल से बाहर कर दिया गया है। आपको बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को हर साल पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है। फ्रॉड में 90 फीसदी मामले उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) के हैं।