टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी हत्याकांड को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गई है। NIA ने अपनी याचिका में दरभा थाने में दर्ज FIR को चुनौती दी है। यह FIR झीरम हमले में मारे गए पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे ने दर्ज कराई है। इस मामले की सुनवाई के दौरान एनआइए के वकील ने जवाब के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। जिसके चलते सुनवाई टल गई है।

आपको बता दें, इसे पहले दरभा थाने में दर्ज FIR को पहले NIA ने निचली अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। जिसके बाद NIA ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कराया है। जिसमें कहा गया है कि वह केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी है और वह पहले ही मामले की जांच कर चुकी है। ऐसे में राज्य शासन को अधिकार नहीं है कि फिर से उसी मामले में अपराध दर्ज कराकर जांच कराए।
झीरम हमला नक्सली घटना नहीं बल्कि एक राजनीतिक षड्यंत्र
इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने जांच पर रोक लगाई है। इस मामले में जितेंद्र मुदलियार ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। उनके वकील संदीप दुबे का कहना है कि झीरम हमला सामान्य नक्सली घटना नहीं है। बल्कि, यह राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कराया गया है। उन्होंने याचिकाकर्ता जितेंद्र को भी पक्षकार बनाने का आग्रह किया है। इस मामले में अंतिम सुनवाई होनी है।
मई 2020 कराया FIR दर्ज
दरअसल, 25 मई 2013 को हुए झीरम घाटी हमले में प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेताओं सहित 30 लोगों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद पूर्व की BJP सरकार ने मामले की जांच NIA को सौंप दी। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व विधायक उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने घटना के पीछे षड्यंत्र होने का आरोप लगाते हुए मई 2020 को दरभा थाने में FIR दर्ज कराई है।
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