छत्तीसगढ़ राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण इकाईयों को दी जाएगी हर संभव मदद: अकबर

परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉन्क्लेव संपन्न

रायपुर। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि वर्तमान में वायु प्रदूषण की वैश्विक समस्या के मद्देनजर अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की सख्त जरूरत है। इसके तहत छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा के क्षेत्र संबंधी मिशन को राज्य सरकार द्वारा आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित हर संभव मदद दी जाएगी।

परिवहन मंत्री आज राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में परिवहन विभाग द्वारा इलेट्स टेक्नोमीडिया के सहयोग से वर्चुअल रूप से आयोजित ’छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉन्क्लेव’ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम उद्योग और नागरिकों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति सरकार की नीतियों के बारे में जागरूक करने के एक अच्छा मंच तैयार करेगा। इसका उद्देश्य राज्य में ई-मोबिलिटी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना है।

छत्तीसगढ़ में ई-मोबिलिटी में निवेश के लिए कम्पनियों को किया गया आमंत्रित

परिवहन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ को ’इलेक्ट्रिक व्हीकल हब’ तथा पर्यावरण प्रदूषण रहित राज्य के रूप में नई पहचान देना है। इसके लिए राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन तथा इसके घटक निर्माण के लिए कम्पनियों को आमंत्रित किया जाता है। राज्य शासन द्वारा उन्हें हर आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराई जाएगी।

परिवहन मंत्री  अकबर ने ई-व्हीकल कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति में वायु प्रदूषण पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बना हुआ है तथा इसके रोकथाम के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं। वायु प्रदूषण में कमी लाने तथा उर्जा की मांग को दृष्टिगत रखते हुए सौर उर्जा का उपयोग मुख्य विकल्प के रूप में परिलक्षित हो रही है।

परिवहन मंत्री  ने कहा किछत्तीसगढ़ राज्य में वाहनों के संचालन हेतु पेट्रोल तथा डीजल का उपयोग किया जा रहा है। जिसकी पूर्ति के लिये अन्य देशों पर निर्भरता बनी हुई है तथा समय के साथ लगातार इसके मूल्यों में वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रिक वाहन एक अच्छे विकल्प के रूप में उभरकर आया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल वाहनों की संख्या 66 लाख 20 हजार 427 है। इनमें 3 लाख माल वाहक वाहन तथा लगभग 55 लाख दोपहिया वाहन शामिल हैं।

ई-कार्ट तथा ई-रिक्शा को पांच वर्षों के लिए मोटरयान कर की छूट

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें ई-कार्ट तथा ई-रिक्शा में पांच वर्षों के लिये मोटरयान कर में छूट प्रदान किया गया हैं। छत्तीसगढ़ राज्य अत्यावसायी, सहकारी वित्त एवं विकास निगम व्दारा बैटरी चलित ई-रिक्शा के लिये ऋण प्रदान किया जाता है।

ई-रिक्शा एवं ई-कार्ट वाहनों का फिटनेस, नवीनीकरण तीन वर्षों के लिये किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार व्दारा निर्माण श्रमिक ई-रिक्शा सहायता योजना लागू की गई है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल व्दारा 50 हजार रूपये अनुदान के रूप में एकमुश्त दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों को मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 66 के अधीन परमिट से छूट भी दी गई है।

इस अवसर पर आयुक्त परिवहन टोपेश्वर वर्मा, अपर परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा, उप परिवहन आयुक्त शैलाभ साहू तथा इलेट्स टेक्नोमीडिया प्राईवेट लिमिटेड और ई-वाहन कम्पनियों के विशेषज्ञों डॉ.रवि गुप्ता, हर्षल देशाई Elet मल्टीमीडिया, सुश्री नेहा जैन MG motor, श्रीकांत एस ather energy , सैय्यद हसीन parxys mobility , श्री तन्मय group government officer Tata sons private limited , शेखर ढोले head safety and Homologation , central institute of road transport Pune आदि ने भी ई-मोबिलिटी मिशन को बढ़ावा देने के संबंध में अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

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