देश में 75% की योग्य आबादी पूरी तरह वैक्सीनेटेड, पीएम ने दी बधाई, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा हम निरंतर मज़बूत हो रहे

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ओमिक्रॉन वायरस के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब मुस्तैद होने लगा है। स्कूली बच्चों को ओमिक्रॉन से सुरक्षित रखने विभाग द्वारा 12 से 17 साल के बच्चों की जानकारी जुटाई जा रही है।

इसमें उनके आधार कार्ड से लेकर मोबाइल नंबर और एड्रेस के साथ ही स्कूल की जानकारी एकत्र करने कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार उन्हें बच्चों की स्कूलवार जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में जाकर टीकाकरण करेगी। बच्चों के लिए बड़ों की तरह टीकाकरण केंद्र नहीं बनाया जाएगा। हालांकि, अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। टीकाकरण अधिकारी मनोज सेमुअल ने बताया कि बच्चों के टीके का ट्रायल अंतिम चरण में है, तो हो सकता है कि आने वाले समय में टीकाकरण शुरू हो।

इससे पहले ही आंकड़ा जुटाने की योजना बनाई जा रही है। जिले के स्कूलों से 12 से 17 साल के बच्चों की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि जिले में ऐसे बच्चों की संख्या 2 से ढाई लाख हो सकती है। ऐसी आशंका है कि नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तीसरी लहर के रूप में सामने आएगा।

इसकी वजह यह है कि बच्चों के लिए अभी तक टीकाकरण नहीं हो सका है। ऐसे में बच्चों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। विदेशों से आने वालों की सघन निगरानी रखने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को एक और नई जिम्मेदारी मिल गई है। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट बच्चों के लिए खतरनाक माना जा रहा है।

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