रायपुर। विशेष विधानसभा सत्र के पहले आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कैबिनेट बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जल जीवन मिशन के सारे टेंडर निरस्त कर दिए गए है। आपको बता दें कि यह 10 हजार करोड़ का टेंडर था।

आपको बता दें कि ठेकेदारों का कहना है कि विभाग में बाहरी लोगों को काम दिया जा रहा है। इसके चलते घर चलाने का भी संकट खड़ा हो गया है। इससे पहले जल जीवन मिशन के अंतर्गत शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है।

पुराने ठेकेदारों का कहना है कि वह विभाग में 25 सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन ठेका उन्हें नहीं देकर बाहरी लोगों को दिया जा रहा है। आरोप लगाया कि विभाग बाहर से आए नए ठेकेदारों को बिना अनुभव देखे ही काम दे रहा है। उन्होंने कहा स्थानीय ठेकेदारों को काम में प्राथमिकता नहीं दी जा रही। इसका खामियाजा छोटे ठेकेदारों को भुगतना पड़ा रहा है।

ठेकों में गड़बड़ी को लेकर समिति कर रही जांच

जल जीवन मिशन के तहत पीएचई विभाग से अभी 7 हजार करोड़ रुपए के ठेकों के आबंटन की प्रक्रिया चल रही है। उसमें गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव आरपी मंडल की अध्यक्षता में एसीएस वित्त व सचिव पीएचई की जांच टीम गठित की है। आरोप है कि करीब 6 हजार करोड़ रुपए का ठेका राज्य की बाहर की कंपनियों को दे दिया गया।

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