यहां 15 दिन में कुल 117 स्कूली छात्र हुए संक्रमित... कुछ शिक्षकों की रिपोर्ट भी आई कोरोना पॉजिटिव

नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में भारी नुकसान करने वाली कोरोना महामारी कुछ वर्षों में बच्चों की मामूली बीमारी की तरह हो सकती है। एक स्टडी में कहा गया है कि इससे कम आयु के ऐसे बच्चों पर अधिक असर होगा जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है या जो इसके संपर्क में आए हैं।

स्टडी में पाया गया है कि कोरोना का असर आमतौर पर कम आयु के बच्चों में कम होता है। साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में अमेरिका और नॉर्वे के रिसर्चर्स शामिल थे। जिसमें कहा गया है कि वैश्विक जनसंख्या में इस बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बनने से इसका असर कम होने की संभावना है।

मरीज के आयु के अनुसार होता है अलग-अलग असर

नॉर्वे में यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो के प्रोफेसर ओतार बोर्नस्टैड ने बताया, “SARS-CoV-2 वायरस का असर आयु के अनुसार अलग होता है। अधिक आयु होने पर इससे खतरा बढ़ जाता है। हमारे मॉडलिंग रिजल्ट से पता चला है कि संक्रमण का जोखिम बच्चों में अधिक होगा क्योंकि व्यस्कों में वैक्सीनेशन या वायरस के संपर्क में आने से प्रतिरोधक क्षमता बन जाएगी।”

इंफ्लुएंजा और अन्य वायरस में भी देखा गया है बदलाव

स्टडी में बताया गया है कि इसी तरह का बदलाव इंफ्लुएंजा और अन्य वायरस में भी देखा गया है। हालांकि, इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर कोरोना के वायरस के दोबारा संक्रमण को लेकर व्यस्कों में प्रतिरोधक क्षमता नहीं बनती तो उनके लिए भी इस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है। वायरस से पहले संक्रमित हो चुके लोगों को इससे अधिक नुकसान नहीं होगा।

अमेरिका और ब्राजील जैसे कई देशों में कोरोना से बहुत से लोगों की मृत्यु हुई थी। अमेरिका में वैक्सीनेशन को तेजी से पूरा किया जा रहा है। हालांकि, वहां कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने से स्थिति खराब हो सकती है।

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