रायपुर। कोरबा (Korba) के लेमरू में हाथियों के लिए अभयारण्य (elephant  Reserv in Lemaru)बनाया जाएगा। यह घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(chief minister Bhupesh Baghel ) ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने संबोधन के दौरान की ।उन्होंने कहा कि कोरबा (Korba)के लेमरू में 71 वर्ग किलोमीटर इलाके में हाथियों के रहवास(Residence of elephants ) की पूरी व्यवस्था की जाएगी । यह पूरा इलाका घने जंगलों से आच्छादित है । ऐसे में सरकार की कोशिश होगी यहां हाथियों की सुविधा के लिए तमाम उपाय किए जाए । इसके बाद यह हाथियों को शिफ्ट किया जाएगा।

गणेश को लेमरू में  शिफ्ट करने की  तैयारी :

वही प्रदेश में हिंसक हो चुके हाथी गणेश (elephant Ganesha )की शिफ्टिंग लेमरू अभ्यारण में किए जाने की योजना बनाई जा रही है। ।इसके लिए गणेश को ट्रेंकुलाइज(Trenculize ) करने पर विचार किया जा रहा है ।उसको लेमरू में ट्रांसफर करने में तकरीबन 72 घंटे का वक्त लगेगा । यह अपने आप में दुनिया में अब तक का सबसे ज्यादा समय होगा । कोरबा वन विभाग अगर इस में सफल हो जाता है तो यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड (world record )होगा । इसको लेकर भी तमाम प्रयास जारी हैं ऐसे में देखना होगा कि 12 से ज्यादा लोगों की जान ले चुके इस हाथी को कैसे काबू में करते हैं ?

इंसान और हाथियो का टकराव पुराना :

इंसानों और हाथियों का बंद कोई नई बात नहीं लंबे अरसे से यहां मनुष्यों ने जंगलों को काट कर अपना आशियाना बना लिया। ऐसे में जहां से हाथी गुजरते थे उनके फुल पुश्तैनी रास्तों को अवरुद्ध कर दिया गया। इसके बाद इन हाथियों का मनुष्यों के साथ बंद शुरू हुआ जो लगातार चलता ही जा रहा है । शासन-प्रशासन को भी इसकी किंचित प्रवाह नहीं है । वन विभाग के अधिकारी सिर्फ प्रकरण बनाकर लोगों को फौरी राहत देकर अपने कार्यों की इतिश्री कर देते हैं ऐसे में जिसके घर का प्राणी इन हाथियों के हमले में मारा जाता है । नुकसान उन परिवारों को उठाना पड़ता है और प्रशासन एक मामूली सी रकम देकर अपनी जिम्मेदारियों से बच निकलता है।

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