जशपुर। इस जिले में हाथी एक बड़ी समस्या बन गए हैं। यहां हाथी-मानव द्वंद में हर साल दर्जनों मौतें हो जाती हैं। हाथी के हमले से ग्रामीणों को बचाने और सतर्क करने के लिए वन विभाग ने “सजग” यंत्र लगाया है, जो हाथियों के लोकेशन की सूचना देता था लेकिन अब यह यंत्र काफी समय से बन्द पड़े हैं और विभागीय लापरवाही की वजह से यह यंत्र सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।
जंगलों पर आश्रित ग्रामीणों का हाथियों से अक्सर होता है सामना
जशपुर जिले के जंगलों में सैकड़ों हाथियों की मौजूदगी अक्सर रहती है और हाथी जंगलों से निकलकर गाँवो के अंदर तक पहुंच जाते हैं। इसके साथ ही जंगलों पर आश्रित रहने वाले ग्रामीण लकड़ी समेत अन्य वनोपज लेने के लिए जंगलों में जाते हैं और हाथियों से उनका सामना होने पर हाथी उन पर हमला कर देते हैं।
ग्रामीणों को सायरन बजाकर दी जाती थी जानकारी
हाथी मानव द्वंद में हर साल सैकड़ो मौतें जशपुर में हो जाती है। ग्रामीणों को हाथियों से दूर रखने के लिए वन विभाग ने हाथी प्रभावित दर्जनों गाँवो में “सजग” यंत्र लगाया है। जिस गाँव के आसपास या जंगलों में हाथियों की मौजूदगी होती, उसकी सूचना इस यंत्र के सहारे ग्रामीणों को दी जाती थी और ग्रामीणो को जंगलों में ना जाने और गाँवो में हाथियों के आने की संभावनाओं की जानकारी दी जाती थी। इस यंत्र की आवाज लगभग तीन किलोमीटर तक जाती थी लेकिन कई इलाकों में यह यंत्र सालों से बन्द पड़े हैं।
दुरुस्त किया जायेगा “सजग” को – डीएफओ
सजग यंत्र के बन्द होने की वजह से अब हाथियों के लोकेशन की जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिल पाती जिसकी वजह से हाथियों से ग्रामीणो का आमना सामना हो जाता है और हाथी अक्सर ग्रामीणों पर हमला कर उनकी जान ले लेते हैं। जिले के डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव का कहना है कि जल्द ही सजग यंत्र को ठीक कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो यंत्र ख़राब हो चुके हैं, उन्हें बदला जायेगा, वहीं जिनकी आवाज धीमी हो गयी है उन्हें दुरुस्त कराया जायेगा।
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