फेक वैक्सीनेशन घोटाला: प्रोड्यूसर ने कहा, कंपनी में 356 कर्मचारियों को वैक्सीनेशन बाद भी नहीं मिला सर्टिफिकेट, न पता कौनसी लगी वैक्सीन
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टीआरपी डेस्क। फेक वैक्सीन घोटाले से बॉलीवुड भी अछूता नहीं रह पाया। कुछ प्रोडक्शन हाउस के मेंबर्स को हाल ही में टीका लगा, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें कौनसी वैक्सीन लगाई गई। इसी सिलसिले में बॉलीवुड के जाने माने प्रोड्यूसर रमेश तौरानी ने इसे लेकर खुलासा किया। तौरानी ने बताया कि उन्होंने अपनी कंपनी टिप्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 356 कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कराया था। यह वैक्सीनेशन 30 मई और 3 जून को हुआ था, लेकिन अब तक सर्टिफिकेट नहीं मिला है।

असली कोवीशील्ड या कोई सलाइन वाटर

जानकारी अनुसार, रमेश तौरानी ने इस मामले में मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। तौरानी ने बताया कि ‘जी हां हम वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का इंतजार कर रहे हैं। जब मेरे कर्मचारियों ने उनसे (एसपी इवेंट के संजय गुप्ता) संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि सर्टिफिकेट शनिवार (12 जून) तक आ जाएगा। हमने प्रति डोज 1200 रुपए और जीएसटी अलग से देकर 365 कर्मचारियों का टीकाकरण करवाया। लेकिन पैसे से ज्यादा हम इस बात को लेकर चिंता में हैं कि हमें क्या दिया गया? यह असली कोवीशील्ड थी या कोई सलाइन वाटर। हमें कहा गया था कि सर्टिफिकेट कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल से मिलेगा।”

डोज लेने के बाद नहीं दिया वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट

इसी तरह का मामला एक अन्य प्रोडक्शन हाउस मैचबॉक्स पिक्चर्स से जुड़ा हुआ है। एसपी इवेंट की ओर से 29 मई को इस प्रोडक्शन हाउस के करीब 150 कर्मचारी और फैमिली मेंबर्स को कोवीशील्ड का पहला डोज दिया था। इन कर्मचारियों को भी यही कहा गया कि वे अपना सर्टिफिकेट कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल से ले सकते हैं। लेकिन दो सप्ताह बाद उन्हें अपना सर्टिफिकेट नानावटी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से मिला, जिसमें डोज लेने की तारीख 12 जून लिखी गई।

मैचबॉक्स के एक कर्मचारी के मुताबिक, ‘हमें डोज लेने के बाद वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। कंपनी ने कहा कि बैकलॉग की वजह से हमारे सर्टिफिकेट एक सप्ताह बाद जारी हो पाएंगे। हमें चिंता हो रही थी, क्योंकि हममें से किसी ने भी वैक्सीनेशन के बाद के लक्षण महसूस नहीं किए।’ हालांकि, इस मामले में मैचबॉक्स पिक्चर्स के प्रोड्यूसर संजय रौत्रे ने कोई भी कमेंट करने से इंकार किया।

फेक वैक्सीनेशन घोटाला

बता दें, पिछले दिनों मुंबई के कांदिवली इलाके में मौजूद हीरानंदानी एस्टेट सोसाइटी के निवासियों ने दावा किया कि वह  फेक वैक्सीनेशन घोटाले का शिकार हुए हैं। सोसाइटी के 300 से ज्यादा लोगों को इसके जरिए ठगा गया। बताया जा रहा है कि सोसाइटी की कमेटी की ओर से 30 मई को वैक्सीनेशन कैंप लगाया गया था और प्रति डोज 1260 रुपए चार्ज किए गए थे। वैक्सीन देने वालों ने खुद को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल से संबंधित बताया था।

बताया जा रहा है कि इस घोटाले से पर्दा तब हटा, जब सर्टिफिकेट अलग-अलग अस्पतालों से जारी किए गए। किसी को यह सर्टिफिकेट BMC की ओर से, किसी को नानावटी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल तो किसी को शिवम हॉस्पिटल की ओर से मिला। जब नानावटी हॉस्पिटल से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस तरह का कोई भी वैक्सीनेशन कैंप लगाए जाने की बात से इंकार किया। इसने सोसाइटी के लोगों की चिंता और बढ़ा दी और वह खुद को ठगा महसूस करने लगे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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