दुर्ग। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज (Chandulal Chandrakar Medical College) के छात्रों के लिए हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) से राहत भरी खबर मिल रही है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों के पुनर्स्थापन के लिए 10 दिन के भीतर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने का आदेशित किया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।

आपको बता दें चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज (Chandulal Chandrakar Medical College) में खामियां मिली थी। जिसके बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (Medical Council of India) ने मान्यता रद्द कर दी। जिसके बाद वहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में अटक गया। राज्य सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जिसके बाद छात्रों ने हाईकोर्ट का रूख किया।

शैलजा राज जायसवाल की याचिका पर न्यायाधीश पी सैम कोशी की बेंच में सुनवाई हुई। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से उनके अधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए कहा कि जब तक राज्य सरकार छात्रों को पुनर्स्थापित करने के लिए कोई योजना नहीं बताती काउंसिल किसी प्रकार का निर्णय लेने में असमर्थ है।

समिति बनाकर निर्णय ले सरकार

याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा सौरभ बारला विरुद्ध भारत सरकार व अन्य के मामले में दिए गए फैसले का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को समिति बनाकर असंबद्ध संस्थान में अध्ययनरत छात्रों के संबंध में निर्णय लेने कहा। कोर्ट के निर्देश के तहत राज्य सरकार को दस दिन के भीतर छात्रों के अन्य संस्थानों में पुनर्स्थापन को लेकर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इसी के साथ ही राज्य सरकार को एमसीआई के अधिवक्ता को कॉपी देने को कहा, ताकि संस्थान निर्णय ले सके।

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