मुंबई। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की जमानत याचिका सोमवार को मुंबई की एक अदालत ने खारिज कर दिया है।

दरअसल कोर्ट का कहना है की टीआरपी घोटाले में सीईओ पार्थो दासगुप्ता की अहम भूमिका थी। सोमवार को अदालत ने दासगुप्ता को रिहाई देने से इंकार कर दिया। जिसकी कॉपी मीडिया को आज हासिल हुई।

बता दें दिसंबर महीने में मुंबई पुलिस ने बार्क के पूर्व सीईओ को गिरफ्तार किया था। चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सुधीर भाजिपाले ने दासगुप्ता की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी थी। मजिस्ट्रेट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि दासगुप्ता की अपराध संलिप्तता स्पष्ट है। ऐसे में उनको अदालत जमानत नहीं दे सकती है। अदालत ने पाया कि आरोपी पार्थो दासगुप्ता की अपराध में अहम भूमिका रही है।

अदालत ने बताया कि मामले में बाकी आरोपियों से अभी पूछताछ बाकी है और दासगुप्ता सीईओ होने के बावजूद इस अपराध में शामिल रहे। ऐसे में उन्हें जमानत देना आसान नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि अगर दासगुप्ता को जमानत दी जाती है तो वह पुलिस द्वारा की जा रही जांच को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए उनका हिरासत में रहना जरूरी है। याचिका में दासगुप्ता ने कहा था कि वे भी पूर्व सीईओ और मामले में आरोपी रोमिल रामगढिया की तरह ही हैं इसलिए उनको जमानत दे दी जाए।

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