अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में अदालत ने सुनाया फैसला, किम्सी जैन दोषमुक्त, विकास जैन और अजीत सिंह को आजीवन कारावास
अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में अदालत ने सुनाया फैसला, किम्सी जैन दोषमुक्त, विकास जैन और अजीत सिंह को आजीवन कारावास

दुर्ग l दुर्ग-भिलाई स्थित शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमेन आईपी मिश्रा के पुत्र अभिषेक मिश्रा की हत्याकांड की सजा सुनाई गई । जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले के आरोपी विकास जैन और अजीत सिंह को धारा 302 में आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है l जबकि किम्सी जैन को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है।

लोक अभियोजक बाल मुकुंद चंद्राकर ने बताया कि आजीवन कारावास से आशय आरोपितों को अंतिम सांस तक जेल में ही रहना है। इस मामले के अन्य आरोपित विकास जैन की पत्नी किम्सी जैन को न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

ये है पूरा मामला

घटना नवंबर 2015 की है। शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज जुनवानी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा नौ नवंबर 2015 को अपने घर से निकले थे, लेकिन वे घर नहीं लौटे।दूसरे दिन उनके अपहरण की शिकायत जेवरा सिरसा पुलिस में दर्ज कराई गई। पुलिस ने करीब 15 दिन बाद अभिषेक के शव को स्मृति नगर स्थित एक अपार्टमेंट की खाली जगह से बरामद किया था।

अभिषेक मिश्रा की हत्या के बाद उसके शव को बोरी में भरकर गढ्ढा खोदकर पाट दिया गया था। जहां अभिषेक के शव को दफनाया गया था उस अपार्टमेंट में प्रकरण का एक आरोपित किराए का मकान लेकर रह रहा था।

जांच के बाद पुलिस ने इस मामले मे विकास जैन, उसकी पत्नी किम्सी जैन और चाचा अजीत सिंह के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण सुनवाई के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग की अदालत में पेश किया था।

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