बाबुल सुप्रियो को पुलिस का समन, TMC के 4 नेताओं के खिलाफ राज्‍यपाल ने दी CBI केस चलाने की मंजूरी
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टीआरपी डेस्क। बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच गरमा गर्मी का माहौल देखने को मिल रहा है। जहां राज्यपाल जगदीप घनखड़ ने ममता बनर्जी कैबिनेट के शपथ लेने के कुछ घंटे पहले ही चार पूर्व मंत्रियों और टीएमसी नेताओं पर मुकदमा चलाने के लिए CBI को मंजूरी दे दी है। वहीं केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Union minister Babul Supriyo) को पश्चिम बंगाल पुलिस ने समन जारी किया है। उन्हें नोटिस प्राप्त होने के 3 दिन के अंदर ही हरोरा पुलिस स्टेशन में हाजिर होने के लिए कहा गया है। उन्हें U/S 41 (A) CRPC के तहत नोटिस दिया गया है।

जिन चार नेताओं के खिलाफ राज्यपाल ने सीबीआई केस चलाने की इजाजत दी है। उनमें फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी का नाम शामिल है। बंगाल के राज्यपाल ने कहा है कि मंत्रिपद संभालने के बाद यह लोग कमीशन के अपराध में शामिल थे। इन आरोपों की जांच के आधार पर मंजूरी दी गई है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि जनवरी में राज्यपाल से मंजूरी मांगी गई थी। बता दें, कल कुल 43 मंत्री शपथ लेंगे जिनमें से 24 कैबिनेट मंत्री और 19 MoS हैं।

जानकारी अनुसार, पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल में शारदा स्कैम और नारदा स्कैम लगातार चल रहे हैं। इन मामलों की सीबीआई जांच भी कर रही है। अलग-अलग नेताओं के नाम इन मामलों में आए हैं। इन नेताओं के खिलाफ मामले चलाने को लेकर राज्यपाल से मंजूरी ली गई है।

राज्यपाल ने चुनाव के बाद हुई हिंसा पर जताई नाराजगी 

हालांकि इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव और DGP द्वारा चुनाव के बाद हुई हिंसा के संबंध में कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत नहीं कराने के लिए नाराजगी जताई है। राज्यपाल ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराने के लिए शनिवार शाम राजभवन बुलाया था। दोनों अधिकारियों से मुलाकात के बाद धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों अधिकारी मांगी गई रिपोर्ट के साथ नहीं आए। उन्हें बिना किसी देरी के रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया। इस तरह का रुख बहुत पीड़ादायक है।’

बता दें, बंगाल में कल कुल 43 मंत्री शपथ लेने वाले हैं। जिनमें से 24 कैबिनेट मंत्री और 19 MoS हैं। पिछली बार कुल 44 मंत्री थे, जिनमें से 28 कैबिनेट मंत्री थे और 16 राज्य मंत्री थे। दिलचस्प बात यह है कि इस बार ममता बनर्जी को अपने मंत्रिमंडल के 9 मंत्रियों को छोड़कर अपनी कैबिनेट बनानी होगी। जिसमें तीन दिग्गज नेता वित्त और उद्योग मंत्री अमित मित्रा, पर्यटन मंत्री गौतम देब और तकनीकी शिक्षा मंत्री पूर्णेंदु बसु शामिल हैं। हालांकि मित्रा और बसु ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था, लेकिन देब उत्तर बंगाल में भाजपा के सिख चटर्जी डाबग्राम-फुबरी निर्वाचन क्षेत्र से हार गए।

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