वीरान गांव में दबंगों ने तोड़े मकान, विरोध में 24 घंटे से चक्का जाम पर बैठे हैं प्रभावित 
वीरान गांव में दबंगों ने तोड़े मकान, विरोध में 24 घंटे से चक्का जाम पर बैठे हैं प्रभावित 
जांजगीर चाम्पा। जिले के जैजैपुर-बाराद्वार मार्ग पर पिछले 24 घण्टे से ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। यहां के एक वीरान गांव में बनी 60 झोपड़ियों को बिना सूचना के दबंगों ने ट्रेक्टर चलाकर तोड़ दिया, जिससे नाराज प्रभावितों ने यहां से वाहनों की आवाजाही रोक दी है।

भरी बरसात में तोड़े गए माकन 

पीड़ितों का आरोप है कि भरी बरसात में गांव के दबंगो ने उनका आशियाना उजाड़ दिया है। उनकी मांग है कि झोपड़ी तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाये, साथ ही उन्हें हुए नुकसान का मुआवजा भी दिया जाये।

क्या होता है वीरान गांव..?

दरअसल जिन गांवों में आबादी नहीं होती है उसे राजस्व विभाग “वीरान गांव” घोषित कर देता है। जांजगीर जिले के जैजैपुर तहसील के झकहाडीह में कभी आबादी हुआ करती थी, मगर बाद में पूरा गांव खाली हो गया। जिसके चलते इसे वीरान गांव घोषित कर दिया गया। पिछले कुछ महीनों से पड़ोस के गांव अचानकपुर के लोगों ने खाली जमीन देखकर यहां बेजा कब्ज़ा कर झोपड़ियां बनानी शुरू कर दी, और देखते ही देखते यहां दर्जनों झोपड़ियां खड़ी हो गईं.

मालगुजारी का है झगड़ा 

वीरान गांव झकहाडीह की जमीन को इलाके के पुराने मालगुजार अपना बता रहे हैं। इनका दावा है कि पुराने समय में उनके पुरखों को गाँव की ज़मीन मालगुजारी के तहत मिली हुई है, मगर राजस्व विभाग इस दावे को नहीं मान रहा है, जिसके चलते यह मामला न्यायालय में लंबित है। इन्ही दावेदारों के ऊपर झोपड़ियों को तोड़ने का आरोप लग रहा है। प्रभावितों का आरोप है कि सोमवार को चार लोग ट्रेक्टर लेकर आये और बारी-बारी से सभी झोपड़ियों को तोड़ दिया और निर्माण सामग्रियों को बिखेर दिया।
जिनकी झोपड़ियां तोड़ी गयी हैं, ऐसे लगभग 60 प्रभावितों द्वारा जैजैपुर-बाराद्वार मार्ग को पिछले 24 घंटे से बाधित रखा गया है। इनके द्वारा चारों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्जा करने और नुकसान के मुआवजे की मांग की जा रही है, वहीं पता चला है कि पुलिस सड़क जाम करने वालो के खिलाफ FIR करने जा रही है, क्योंकि इस तरह चक्का जाम करने वालो के खिलाफ सीधे FIR करने का न्यायालय का आदेश है।

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