India China Standoff: भारत के खिलाफ चीन ने लद्दाख में तैनात किया HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम
India China Standoff: भारत के खिलाफ चीन ने लद्दाख में तैनात किया HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम

नई दिल्ली। लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन ने अपना HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम लद्दाख में तैनात कर दिया है। भारत और चीन के बीच अभी तक कोई समझौता नहीं हो सका है।

पिछले दिनों कमांडर स्तर की हुई बैठक को दोनों पक्षों ने भले ही सकारात्मक बताया है, लेकिन वास्तविकता यह है कि चीनी सेना इस इलाके से वापस पीछे जाने को तैयार नहीं है। पूर्वी लद्दाख के गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग्स, डेपसांग और डेमचोक में तनाव अब भी बरकरार है।

एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस इलाके में लंबी दूरी तक मार करने वाली एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम की कई बैटरियों को तैनात किया हुआ है। ये मिसाइलें सीमा के नजदीक उड़ान भर रहे भारतीय लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टरों और ड्रोन्स के लिए खतरा बन सकते हैं। इस सिस्टम के अलावा चीन ने एचक्यू-22 डिफेंस सिस्टम को भी तैनाती की है।

चीन को दो-टूक संदेश

चीन के साथ बातचीत में भारत ने भी साफ-साफ बता दिया है कि चीनी फौज के पीछे हटने के बाद ही अब किसी और क्षेत्र में डी-एस्केलेशन पर विचार किया जाएगा। भारतीय सेना भी इस इलाके में भीषण ठंड के बाद अब गर्मियों की तैनाती में लौट आई है। बॉर्डर पर दोनों ही पक्षों के हजारों सैनिक अब भी दिन-रात चौकसी कर रहे हैं। रिपोर्ट तो यहां तक है कि कई इलाकों में भारतीय और चीनी फौज के बीच का अंतर एक किलोमीटर से भी कम है।

200 किमी तक मार कर सकता है चीनी डिफेंस सिस्टम

चीन का एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम में लगी मिसाइलें 200 किलोमीटर की दूरी तक हवा में किसी भी टॉरगेट को नष्ट कर सकती हैं। चीन अपने इस एयर डिफेंस सिस्टम को अमेरिका के पैट्रियॉट और रूस के एस-300 डिफेंस सिस्टम के बराबर होने का दावा करता है। इसमें एक्टिव रडार होमिंग सरफेस टू एयर मिसाइलें लगी होती हैं। एचक्यू-9 सिस्टम दुश्मन के एरियल टॉरगेट का पता लगाने के लिए HT-233 PESA रडार सिस्टम का उपयोग करता है।

180 किलो विस्फोटकों से लैस होती हैं मिसाइलें

यह एयर डिफेंस सिस्टम मुख्य रूप से तीन टाइप में आता है। एचक्यू-9 में भी एस-300 सिस्टम के जैसे ही दो स्टेज वाली मिसाइलें लगी हुई हैं। यह मिसाइल 180 किलो के विस्फोटकों से लैस होती है। 6.8 मीटर लंबी इस सिस्टम की मिसाइलें 4.2 मैक की स्पीड से उड़ान भर सकती हैं। ये मिसाइलें ट्यूब के अंदर लगी होती हैं, जिनके टॉरगेट को आंतिम समय पर भी बदला जा सकता है।