भाजपा के शाह से मात खा गए उदृव ठाकरे

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाने की पीछे बीजेपी की जो रणनीति रही है वो आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत है।

अमित शाह ने सुझाया था फार्मूला

बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निमंत्रण देने के बावजूद बीजेपी पीछे हट गई। इसे पार्टी की बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, क्योंकि निमंत्रण अस्वीकार करने से पहले बीजेपी की दो दौर की लंबी मीटिंग चली।

कोर कमिटी की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हुए। इसके बाद निर्णय लिया गया कि बीजेपी राज्य में सरकार का गठन नहीं करेगी।

–तो अब शिवसेना पर गठबंधन तोड़ने का ठप्पा

बता दें कि नई सरकार के गठन के बीच भाजपा नेता ये बयान देते रहे कि विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ी बीजेपी-शिवसेना को जनता ने सरकार बनाने के लिए वोट दिया था।

लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद पर अड़ गई, जिस पर बीजेपी राजी नहीं हुई।

निमंत्रण मिलने के बाद भी बीजेपी ने सरकार गठन का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया।

चूक गया शिवसेना का निशाना

जिसके बाद शिवसेना ने राज्यपाल के निमंत्रण को स्वीकार भी कर लिया लेकिन कांग्रेस की तरफ से अब भी असमंजस है। वहीं, शिवसेना पर गठबंधन तोड़ने का ठप्पा लग रहा है।

बीजेपी इस कलंक से बचना चाहती थी। अब बीजेपी पूरे राज्य में इसका प्रचार करेगी। इससे पहले 2014 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी पर शिवसेना के साथ वर्षों पुराना गठबंधन तोड़ने का आरोप लगा था।

शिवसेना को गले लगाने में आखिर क्यों हिचक रही कांग्रेस?

भाजपा को अनुमान था कि बहुमत का आंकड़ा पाने के लिए शिवसेना बीजेपी की बजाए कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो इसे बेमेल गठबंधन कहा जाएगा। अभी तक शिवसेना का इन दोनों दलों से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। वहीं विचारधारा के स्तर पर भी शिवसेना की राह अलग है।

बता दें कि शिवसेना को जहां कट्टर हिंदुत्व का पक्षधर माना जाता है, वहीं कांग्रेस-एनसीपी पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के आरोप लगते रहे हैं। बीजेपी इन्हीं बेमेल मुद्दों को आधार बनाकर तीनों दलों को घेरेगी। बीजेपी अनुच्छेद 370 रद्द करने, तीन तलाक और देश में समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर शिवसेना से जवाब मांगेगी।

कर्नाटक से बीजेपी को पहले ही मिला चुका है सबक

पूरे घटनाक्रम के पीछे महाराष्ट्र में सरकार गठन न करने के पीछे बीजेपी का कर्नाटक से लिया गया सबक बताया जा रहा है। 2018 में कर्नाटक विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने पर बीएस येदियुरप्पा ने सरकार गठित की।

लेकिन विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
और बीजेपी इस बार महाराष्ट्र में उस स्थिति को नहीं दोहराना चाहती थी।

बीजेपी को अनुमान था कि जिस तरह कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस-जेडीएस एक साथ हो गए थे उसी तरह महाराष्ट्र में बीजेपी को रोकने के लिए शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस एक साथ हो गई हैं। इसको देखते हुए बीजेपी ने सरकार न बनाने में ही बेहतरी समझी।

.और शिवसेना पर फूटेगा जनादेश के अपमान का ठीकरा

भाजपा नेताओं की माने तो शिवसेना के अड़ियल रुख के कारण सत्ता से दूर हुई। बीजेपी ने अब जनता के बीच जाने का फैसला किया है। बीजेपी के एक नेता ने बताया कि हम जनता के बीच जाकर लोगों को बताएंगे कि किस तरह शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया है।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।