प्रदेश को GST में हो रहा करोड़ों का नुकसान, शासकीय और निजी कंपनियों की लापरवाही का नतीजा
प्रदेश को GST में हो रहा करोड़ों का नुकसान, शासकीय और निजी कंपनियों की लापरवाही का नतीजा

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य की अनेक सार्वजनिक और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों की लापरवाही के चलते छत्तीसगढ़ राज्य को करोड़ों रुपये के जीएसटी राजस्व का नुकसान हो रहा है। दूसरे राज्यों के GST नंबर के आधार पर यहां व्यवसाय करने वाली कंपनियों के चलते हो रहे इस नुकसान के संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लिखित शिकायत की गई है।

दूसरे राज्य में व्यवसाय के लिए अलग GST अनिवार्य

कोरबा के जीएसटी सलाहकार मो. रफीक मेमन ने लम्बे समय से हो रही इस गड़बड़ी का ध्यान सरकार की और दिलाया है। मो. रफीक के मुताबिक जीएसटी प्रावधानों के तहत यदि कोई संस्था अथवा व्यक्ति एक ही पैन नंबर पर अलग-अलग राज्यों में अपना व्यवसाय संचालित करता हैं तो उसे प्रत्येक राज्य में जहां पर वह व्यवसाय संचालित कर रहा है, पृथक-पृथक जीएसटी पंजीयन करना अनिवार्य है, और जहां पर वह व्यवसाय संचालित कर रहा है, सी जीएसटी, एस जीएसटी की धारा 22 की उपधारा 1 के अनुसार वहां जीएसटी का भुगतान करने का उत्तरदायी होगा।

केंद्र-राज्य की कई कंपनियां कर रहीं नियमों की अनदेखी

छत्तीसगढ़ राज्य सहित देश के अधिकांश राज्यों में दिनांक 01 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में एसईसीएल की विभिन्न ईकाइयों, एनटीपीसी, सीएसईबी, बालको, जिंदल पावर, प्रकाश इंडस्ट्रीज तथा अन्य शासकीय और प्राईवेट लिमिटेड कंपनियों के द्वारा अन्य राज्यों की फर्म को वर्क कॉन्ट्रैक्ट से संबंधित अरबों रुपये के कार्य दिये जाते हैं। अन्य राज्यों की कंपनियों के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आकर वर्क कॉन्ट्रैक्ट का कार्य तो संपादित किया जाता है मगर जीएसटी के प्रावधानों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में जीएसटी का पंजीयन अधिकतर कंपनियों के द्वारा नहीं कराया जा रहा है। इनके द्वारा अपने बिल में अपने अन्य राज्यों का जीएसटी नंबर दर्शा कर सी जीएसटी तथा एस जीएसटी की जगह जीएसटी के तहत टैक्स की राशि छत्तीसगढ़ की कंपनी से वसूल कर ली गई। इस गलत प्रक्रिया से छत्तीसगढ़ शासन को 1 रूपया भी जीएसटी के रूप में प्राप्त नहीं हो रहा है।

जाँच कर GST वसूली की मांग

छत्तीसगढ़ की इन अधिकतर कंपनियों की लापरवाही से राज्य को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है, जो वर्तमान में भी जारी है। मो. रफीक ने मांग की है कि राज्य सरकार, राज्य की इन सभी कंपनियों से 1 जुलाई 2017 से आज दिनांक तक ऐसे जितने भी कार्य अन्य राज्यों की फर्मों को दिये गये हैं और जो छत्तीसगढ़ राज्य में जीएसटी अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं है, इनकी जानकारी हासिल कर जीएसटी के राजस्व का जो भी नुकसान हुआ उसकी वसूली के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, जिससे छत्तीसगढ़ राज्य को हो रहे राजस्व की की हानि को रोका जा सके। साथ ही नियमों का पालन करते हुए नए सिरे से GST का पंजीयन करने का आदेश दिया जाये।

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