बिलासपुर। साल 2009 में राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले के मदनवाड़ा (Madanwada) जिले में हुए नक्सली हमले (Naxal Attack) की अब न्यायिक जांच होगी। इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस की अध्यक्षता में एक कमेटी का जल्द ही गठन किया जाएगा। इस मामले की जांच के लिए शहीद विनोद चौबे के परिजनों ने मांग की है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) बिलासपुर में शहीद विनोद चौबे (Vinod Chaubey) के प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे, इस दौरान शहीद के परिजनों ने मदनवाड़ा हमले को षड्यंत्र बताते हुए मामले के जांच किए जाने की मांग की, जिस पर सीएम ने हामी भरते हुए मामले की निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया। इस हमले से संबंधित कमेटी जांच के बिंदु तय करेगी और अपनी रिपोर्ट राज्य शासन के समक्ष पेश करेगी।

इस अवसर पर बघेल ने कहा कि मदनवाड़ा नक्सली हमले (Madanwara Naxalite attack) को 10 साल हो चुके हैं, लेकिन कुछ सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल सके हैं। वही नक्सली हमले के दौरान कांग्रेस द्वारा राज्यपाल से ज्ञापन के माध्यम से मामले की जांच करने की मांग भी की गई थी, लेकिन सत्ता में बैठी भाजपा (BJP) शासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया और मामले को दबा दिया गया।

गौरतलब है कि साल 2009 में राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा क्षेत्र में नक्सली और पुलिस जवानों के बीच जमकर मुठभेड़ हुई थी, जिसमे राजनांदगांव के एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हुए थे। इस दौरान नक्सली और पुलिस जवानी के बीच पुरे 5 घंटे तक मुठभेड़ चला था, इसके बावजूद स्थानीय पुलिस जवानों को कोई मदद नहीं पहुंचाया जा सका। जबकि घटना के कुछ ही दूरी पर बालोद, कांकेर और महाराष्ट्र जिले का बार्डर लगा हुआ है।

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