नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ से राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम ने मंगलवार को राज्य सभा के शून्य काल में अंबिकापुर-पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्ग और अंबिकापुर रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग की जर्जर हालत के विषय को सदन में उठाया।

नेताम ने सदन को अवगत कराया कि कटनी गुमला नेशनल हाइवे 43 पर 450 करोड़ की लगात से 96 किलोमीटर की लम्बाई वाली अंबिकापुर-पत्थलगांव परियोजना 2016 में शरू तो हुई, लेकिन आज तक पूर्ण नहीं हो सकी है।

यह राष्ट्रीय राजमार्ग ओडिशा से दिल्ली को जोड़ता है और व्यावसायिक दृष्टि से इस मार्ग पर काफी व्यस्तता रहती है। इस मार्ग को बनाने वाली कंपनी डिफाल्टर हो गई और परियोजना आज तक पूर्ण नहीं हो सकी है। जिसके चलते इस मार्ग पर काफी लम्बा जाम होता और बारिश के समय इस मार्ग पर चलना बिल्कुल ही संभव नहीं है।

इसके साथ ही एनएच 343 पर अंबिकापुर से गढ़वा की बिच की सड़क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। यह मार्ग नक्सल प्रभावित क्षेत्र से गुजरती है और यह मार्ग महाराष्ट्र से बिहार को जोड़ता है। इस मार्ग पर अंबिकापुर से रामानुजगंज तक 110 किलोमीटर का सड़क निर्माण करना अति आवश्यक है।

नेताम ने आगे कहा की इन मार्ग की हालत इतनी जर्जर है कि स्थानीय लोगों को इस रोड़ को छोड़ दूसरे मार्ग से जाना पड़ता है, जो 100 किलोमीटर अतिरिक्त है।

नेताम ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि इस रोड़ को जल्द से जल्द सुगम बनाया जाए, ताकि अंबिकापुर से झारखण्ड जाने वाले यात्रियों और अंबिकापुर से जशपुर जाने वाले यात्रियों को इस परेशानी से निजात मिल सके। इस पर मंत्री ने जर्जर नेशनल हाइवे को जल्द ही ठीक करवाने का आश्वासन दिया।

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