टीआरपी डेस्क। केंद्र सरकार ने शिक्षक बनने के इच्छुक नौजवानों को बड़ी राहत दी है। सरकार के फैसले के बाद अब हर सात साल में शिक्षक अर्हता परीक्षा (टीईटी) पास करने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि एक बार टीईटी पास करने पर जीवन भर के लिए मान्य रहेगी। यह व्यवस्था पूरे देश भर में लागू होगी। नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के चैयरमैन विनीत जोशी ने कहा कि टीईटी को अब जीवन भर के लिए मान्य कर दिया गया है। अभी तक यह सिर्फ सात साल के लिए मान्य होती थी। हाल में काउंसिल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

पूरे देश में लागू होगी व्यवस्था

यह व्यवस्था पूरे देश में लागू होगी। नई व्यवस्था आगे आयोजित होने वाली टीईटी परीक्षाओं के लिए लागू होगी। जो छात्र पहले ही टीईटी पास कर चुके हैं, उनके मामले में एनसीटीई ने कहा कि वह कानूनी सलाह लेकर फैसला लेगी।

पहले थे ऐसे नियम

बता दें कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद उच्च शिक्षा की भांति स्कूल शिक्षा में भी नेट की तर्ज पर टीईटी का प्रावधान किया गया। लेकिन अभी इसकी मान्यता सिर्फ सात साल के लिए है। यानी टीईटी करने के बाद यदि कोई व्यक्ति सात साल के भीतर शिक्षक नियुक्त नहीं होता है तो फिर से उसे टीईटी परीक्षा पास करनी होती थी। इसी प्रकार नई नौकरी के लिए आवेदन में भी यह प्रक्रिया आड़े आती थी। शिक्षण में महिलाएं ज्यादा हैं जिनका पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते करियर में अवरोध आ जाता है तथा दोबारा शुरूआत करने के लिए उन्हें दोबारा टीईटी पास करना पड़ता है। इसके चलते हर साल केंद्र सरकार या राज्यों द्वारा आयोजित होने वाली टीईटी परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार बैठते हैं।

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) पांच साल के लिए मान्य होती है। सीटीईटी की वैधता आजीवन होने के कारण यूपी-टीईटी में भी इसकी मांग उठ सकती है।

साल में दो बार जुलाई और दिसंबर में होती है सीटेट परीक्षा

सीबीएसई हर साल दो बार सीटीईटी परीक्षा आयोजित करता है। पहली परीक्षा जुलाई और दूसरी दिसंबर के महीने में आयोजित की जाती है। सीटेट के पेपर -1 में भाग लेने वाले सफल उम्मीदवार कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं। जबकि पेपर -2 में बैठने वाले सफल अभ्यर्थी कक्षा 6 से 8वीं तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं।

सीटेट (CTET) के पहले के नियमों के अनुसार सीटेट सर्टिफिकेट की वैधता 7 साल (रिजल्ट डेट के बाद से) की रहती थी। लेकिन अब यह आजीवन मान्य रहेगा।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।