अब बिल्डरों की नहीं चलेगी मनमानी! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भेजा नोटिस, बिल्डर-बायर एग्रीमेंट लागू करने की मांग
अब बिल्डरों की नहीं चलेगी मनमानी! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भेजा नोटिस, बिल्डर-बायर एग्रीमेंट लागू करने की मांग

नेशनल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर कहा कि लाखों घर खरीदारों के हितों को बचाने के लिए केंद्र को बिल्डर और एजेंट खरीदारों के लिए मॉडल समझौता तैयार करने और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) अधिनियम 2016 के अनुरूप रियल्टी क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए निर्देश देने की मांग की है।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि घर खरीदारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है। अक्सर बिल्डर्स द्वारा बनाए गए एग्रीमेंट्स में किए गए प्रावधानों से घर खरीदार बैक फुट पर होते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट सेक्टर में मॉडल बिल्डर-बायर एग्रीमेंट और एजेंट-बायर एग्रीमेंट बनाने के लिए केंद्र को नोटिस जारी किया है। रेरा कानून में इसे बनाने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे बिल्डर्स होम/फ्लैट खरीदारों का उत्पीडन नहीं कर सकेंगे। दिलचस्प बात है कि जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि एक बार केंद्र मॉडल बायर-बिल्डर एग्रीमेंट बना लेता है तो उसके बाद सुप्रीम कोर्ट राज्यों को इसका पालन करने के लिए कहेगा।

खरीदारों को होगा इसका फायदा!

जानकारों के मुताबिक रेरा के तहत कोई सटीक मॉडल उपलब्ध नहीं है। कई राज्यों में पहले से ही मॉडल एग्रीमेंट मौजूद है। मॉडल बिल्डर-बायर एग्रीमेंट और मॉडल एजेंट-बायर एग्रीमेंट से रियल एस्टेट में पारदर्शिता आएगी और फ्लैट खरीदारों को धोखाधड़ी का सामना नहीं करना पडे़गा। अभी रियल इस्टेट के कई एग्रीमेंट एकतरफा और मनमाने होते हैं। ये एग्रीमेंट फ्लैट खरीदारों के हितों को नजरअंदाज करने वाले हैं। रेरा एक्ट, 2016 के मुताबिक उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण किया जाना चाहिए।

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